
नेपाली सेना का एक दस्ता कल ही पुणे रवाना होने वाला था. (प्रतिकात्मक चित्र)
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बिम्सटेक देशों के सैन्य अभ्यास से नेपाल का किनारा
अभ्यास से ऐन पहले अपने पैर वापस खींचे
पुणे पहुंच चुके नेपाल के तीन सैन्य अधिकारी भी लौटेंगे
एक और चाल: भारत से नेपाल को दूर करने और व्यापारिक निर्भरता कम करने के लिए चीन ने चला बड़ा दांव
सोमवार से पुणे में ही बिम्सटेक देशों का सैन्य अभ्यास शुरू होने वाला है. सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभावशाली नेताओं सहित अलग-अलग हलकों से कड़ी आलोचना के बाद सरकार ने यह फैसला किया. बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकनॉमिक को-ऑपरेशन (बिम्सटेक) एक क्षेत्रीय संगठन हैं जिसमें भारत, म्यांमा, श्रीलंका, थाइलैंड, भूटान और नेपाल सदस्य देशों के तौर पर शामिल हैं. सभी सात सदस्य देशों की थलसेनाएं छह दिवसीय अभ्यास के लिए 30-30 सदस्यों का अपना दस्ता भेजने पर सहमत हुई थीं.
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यह कार्यक्रम उस वक्त विवादों से घिर गया जब अभ्यास में हिस्सा लेने का फैसला करने से पहले राजनयिक या राजनीतिक स्तर पर कोई सहमति कायम नहीं की गई. अखबार ने ओली के प्रेस सलाहकार कुंदन आर्याल के हवाले से बताया, ‘सरकार ने नेपाली सेना को निर्देश दिया कि वह अभ्यास में हिस्सा नहीं ले’. एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि उन्हें कोई औपचारिक निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन 30 सदस्यीय दस्ते को रवाना होने से रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि अभ्यास की तैयारियों के सिलसिले में पहले ही पुणे पहुंच चुके तीन सैन्य अधिकारी भी जल्द ही लौटेंगे.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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