राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मंगलवार को बीजिंग में चीन के शीर्ष राजनयिक एवं स्टेट काउंसलर (चीन की राजकीय परिषद के सदस्य) यांग जेइची के साथ बैठक कर चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग की भारत यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप देने के बारे में चर्चा की। शी अगले सप्ताह भारत आने वाले हैं।
डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रतिनिधि के रूप में कल यहां पहुंचे। वह यहां शी की भारत यात्रा के तैयारियों के सिलसिले में आए हैं। उन्होंने यांग के साथ यहां दियाओयूतायी अतिथिगृह में बैठक की।
यांग भारत-चीन सीमा वार्ता के लिए चीन के विशेष प्रतिनिधि हैं। उन्होंने डोभाल का स्वागत करते हुए कहा कि वह भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की चीन यात्रा को बहुत महत्व देते हैं। उनकी यात्रा इस बात का संकेत है कि भारत चीन के राष्ट्रपति की आगामी यात्रा और द्विपक्षीय संबंधों को कितना अधिक महत्व देता है।
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दोनों तरफ के विशेष प्रयासों से राष्ट्रपति की यह यात्रा पूरी तरह से सफल होगी और द्विपक्षीय संबंध नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे।
उन्होंने डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाए जाने पर भी खुशी जाहिर की और द्विपक्षीय संबंधों में उनके योगदान की तारीफ की। डोभाल आज दिन में शी से मिलने वाले हैं।
शी इस यात्रा में भारत में चीन की ओर से कुछ बड़ी निवेश योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ सीमा विवाद के साथ साथ रेशम मार्ग को पुनर्जीवित करने पर भी बात करेंगे।
चीन पुराने रेशम मार्ग की परियोजना में समुद्री रेशम (व्यापार) मार्ग के पहलू को भी शामिल करने का प्रस्ताव किया है।
डोभाल ऐसे समय यहां आए हैं, जबकि शी ने पाकिस्तान की अपनी यात्रा रद्द कर दी है। वह पाकिस्तान से श्रीलंका और भारत की यात्रा पर एक साथ निकलने वाले थे, जो इन देशों के लिए उनकी पहली यात्रा होती। शी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव भी हैं।
उनकी भारत यात्रा की तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गयी है। शुरू में वह 17 सितंबर से तीन दिन के लिए नयी दिल्ली आने वाले थे।
पाकिस्तान की यात्रा का कार्यक्रम रद्द होने के बाद वह भारत में पहले आ सकते हैं और दिल्ली आने से पहले प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात से यात्रा शुरू कर सकते हैं।
वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भी शी की यात्रा के सिलसिले में दो बार चीन जा चुकीं हैं। दूसरी बार वह इसी माह के शुरू में बीजिंग गई थीं, जहां उन्होंने अधिकारियों से निवेश पैकेज और द्विपक्षीय व्यापार में भारत के बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता के बारे में भी बातचीत की।
दोनों देशों के बीच भारतीय रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण पर सहयोग पर भी चर्चा चल रहीं है। चीन भारत में औद्योगिक पार्कों की स्थापना की योजना बना रहा है। इनके स्थान के बारे में शी की यात्रा के समय घोषणा हो सकती है।
डोभाल चीन के अधिकारियों के साथ राजनैतिक संबंधों पर खास तौर से चर्चा कर सकते हैं, जिनमें सीमा विवाद और कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नये मार्गों की स्वीकृति के मुद्दे शामिल हैं।
भारत और चीन सीमा संबंधी विवादों को हल करने के लिए 17 बार बैठक कर चुके हैं। बातचीत अब ऐसे दौर में पहुंच गई है, जिसमें विवाद को हल करने की व्यवस्था पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।
कहा जाता है कि इससे अगले चरण में मानचित्रों का आदान-प्रदान की बात आती है, जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के बारे में दोनों पक्ष अपने अपने अवधारणा प्रस्तुत करेंगे।
दोनों पक्षों ने पिछले साल सीमा रक्षा सहयोग समझौता (बीडीसीए) किया था, ताकि सीमा संबंधी विवाद का पूर्ण समाधान होने तक एलएसी पर शांति बरकरार रहे।
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