नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में राजनीतिक टकराव पहले से दिखते रहे। ममता और जयललिता सम्मेलन में नहीं आईं, जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक-दूसरे के सामने पड़े, तो आंखें फेर लीं।
जिस समय मोदी अंदर आ रहे थे, नीतीश कुमार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह से बात कर रहे थे। फोटोग्राफर दोनों की तस्वीरें ले रहे थे, लेकिन जैसे ही मोदी पास आए सारे फोटोग्राफर मोदी की तरफ भागे। इस सम्मेलन में यह साफ हो रहा है कि ज्यादातर गैरकांग्रेसी मुख्यमंत्री नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर यानी एनसीटीसी के खिलाफ हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि एनसीटीसी की ज़रूरत नहीं है और इसकी जगह मैक यानी मल्टी एजेंसी सेंटर को मज़बूत करना बेहतर होगा। यही नहीं नीतीश कुमार और अखिलेश यादव ने भी एनसीटीसी का विरोध किया है।
बैठक में एक अहम मुद्दा राज्यों के साथ मिलकर खुफियां जानकारी जुटाने के लिए एक कारगर व्यवस्था तैयार करना है। इसके अलावा नक्सल प्रभावित नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अलग से एक बैठक भी होगी, जिसमें नक्सलियों से निपटने के लिए विस्तृत योजना पर वार्ता होगी।
इससे पहले भी एनसीटीसी पर केंद्र और राज्यों के बीच चर्चा हुई है, लेकिन इस पर आम सहमति नहीं बन पाई, हालांकि इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं। अब एनसीटीसी गृहमंत्रालय के अधीन होगा और राज्यों से बिना पूछे कोई भी ऑपरेशन नहीं होगा। पहले एनसीटीसी को आईबी के अंतर्गत रखा गया था, जिस फिर राज्यों ने आपत्ति जताई थी।
जिस समय मोदी अंदर आ रहे थे, नीतीश कुमार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह से बात कर रहे थे। फोटोग्राफर दोनों की तस्वीरें ले रहे थे, लेकिन जैसे ही मोदी पास आए सारे फोटोग्राफर मोदी की तरफ भागे। इस सम्मेलन में यह साफ हो रहा है कि ज्यादातर गैरकांग्रेसी मुख्यमंत्री नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर यानी एनसीटीसी के खिलाफ हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि एनसीटीसी की ज़रूरत नहीं है और इसकी जगह मैक यानी मल्टी एजेंसी सेंटर को मज़बूत करना बेहतर होगा। यही नहीं नीतीश कुमार और अखिलेश यादव ने भी एनसीटीसी का विरोध किया है।
बैठक में एक अहम मुद्दा राज्यों के साथ मिलकर खुफियां जानकारी जुटाने के लिए एक कारगर व्यवस्था तैयार करना है। इसके अलावा नक्सल प्रभावित नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अलग से एक बैठक भी होगी, जिसमें नक्सलियों से निपटने के लिए विस्तृत योजना पर वार्ता होगी।
इससे पहले भी एनसीटीसी पर केंद्र और राज्यों के बीच चर्चा हुई है, लेकिन इस पर आम सहमति नहीं बन पाई, हालांकि इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं। अब एनसीटीसी गृहमंत्रालय के अधीन होगा और राज्यों से बिना पूछे कोई भी ऑपरेशन नहीं होगा। पहले एनसीटीसी को आईबी के अंतर्गत रखा गया था, जिस फिर राज्यों ने आपत्ति जताई थी।
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