ब्रिटेन में मुस्लिमों के प्रति लोगों की सोच नकारात्मक. तस्वीर: प्रतीकात्म्क
लंदन:
ब्रिटेन में हालिया आतंकी हमलों के बाद मुस्लिम बच्चों को उनके सहपाठियों द्वारा परेशान किए जाने की घटनाओं में इजाफा हुआ है. कुछ बच्चों को उनके सहपाठी ने 'आतंकवादी ' कहा है. बच्चों की मदद के लिए बनी हेल्पाइन 'चाइल्डलाइन ' के अनुसार नस्ल और धर्म के आधार पर परेशान किए जाने की शिकायतों में पिछले कुछ महीनों में इजाफा देखा गया है. इस हेल्पलाइन के मुताबिक वेस्टमिंस्टर, लंदन में हुए हालिया आतंकी हमलों के बाद इस तरह के पीड़तों की ओर से संपर्क किए जाने की संख्या बढ़ गई है. बीते महीने में मैनचेस्टर एरिना में हुए आतंकी हमले के बाद इस तरह के मामले ज्यादा बढ़ गए और स्थिति यह रही कि एक पखवाड़े के भीतर 300 से अधिक काउंसलिंग सत्र आयोजित किए गए. इस हेल्पलाइन पर मुस्लिम, ईसाई और सिख बच्चों ने संपर्क किए. पिछले तीन वर्षो में 2,500 काउंसलिंग सत्र आयोजित किए गए.
ब्रिटेन आतंकी हमलों के जिम्मेदार 9 साल के मुस्लिम बच्चे!
मालूम हो कि हाल ही में ब्रिटेन में हुए आतंकी हमलों के बाद अब नौ साल के छोटे बच्चों पर आतंकवादी होने के आरोप लगाए जा रहे हैं. मुस्लिम बच्चों को केवल उनके धर्म और नस्ल के कारण सामाजिक शर्मिंदगी का शिकार बनना पड़ रहा है.
19 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए काम करने वाली एक संस्था 'चाइल्डलाइन' ने इस बात की जानकारी दी है. पिछले कुछ महीनों के दौरान ब्रिटेन में कई आतंकी हमले हुए हैं. हर हमले के बाद नस्लीय घटनाओं में इजाफा हुआ है. जिन शहरों में हमले हुए, वहां इन घटनाओं में ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई.
मुस्लिम बच्चों ने चाइल्डलाइन को बताया कि उन्हें ज्यादातर उल्टे-सीधे नामों से पुकारा जाता है और उन पर इस्लामिक स्टेट (ISIS) से मिले होने का आरोप लगाया जाता है. साथ ही, इन बच्चों ने धमकाए जाने और मार-पीट किए जाने की भी शिकायत की. छोटी बच्चियों और लड़कियों ने बताया कि हिजाब के कारण अक्सर उनके साथ बदसलूकी की जाती है. कई मामले में तो ये बच्चे अपने साथ होने वाले दुर्व्यवहार से इतने परेशान हो गए कि उन्होंने खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की.
इनपुट: भाषा
ब्रिटेन आतंकी हमलों के जिम्मेदार 9 साल के मुस्लिम बच्चे!
मालूम हो कि हाल ही में ब्रिटेन में हुए आतंकी हमलों के बाद अब नौ साल के छोटे बच्चों पर आतंकवादी होने के आरोप लगाए जा रहे हैं. मुस्लिम बच्चों को केवल उनके धर्म और नस्ल के कारण सामाजिक शर्मिंदगी का शिकार बनना पड़ रहा है.
19 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए काम करने वाली एक संस्था 'चाइल्डलाइन' ने इस बात की जानकारी दी है. पिछले कुछ महीनों के दौरान ब्रिटेन में कई आतंकी हमले हुए हैं. हर हमले के बाद नस्लीय घटनाओं में इजाफा हुआ है. जिन शहरों में हमले हुए, वहां इन घटनाओं में ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई.
मुस्लिम बच्चों ने चाइल्डलाइन को बताया कि उन्हें ज्यादातर उल्टे-सीधे नामों से पुकारा जाता है और उन पर इस्लामिक स्टेट (ISIS) से मिले होने का आरोप लगाया जाता है. साथ ही, इन बच्चों ने धमकाए जाने और मार-पीट किए जाने की भी शिकायत की. छोटी बच्चियों और लड़कियों ने बताया कि हिजाब के कारण अक्सर उनके साथ बदसलूकी की जाती है. कई मामले में तो ये बच्चे अपने साथ होने वाले दुर्व्यवहार से इतने परेशान हो गए कि उन्होंने खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की.
इनपुट: भाषा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं