
मुंबई हमले (Mumbai Terror Attack) की साजिश रचने के आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) के प्रत्यर्पण के मामले में 12 फरवरी को एक अमेरिकी फेडरल कोर्ट सुनवाई करने वाला है. अमेरिकी सरकार ने कोर्ट को बताया है कि तहव्वुर राणा मुंबई के 2008 के आतंकवादी हमलों में अपने रोल के लिए टॉप क्लास का मेडल चाहता था. इतना ही नहीं, उसने हमले में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के नौ आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना का सर्वोच्च सम्मान देने की मांग भी की थी.
भारत ने राणा को 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के मामले में भगोड़ा घोषित किया है. डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त राणा (59) को 10 जून को लॉस एंजिलिस में फिर से गिरफ्तार किया गया था. उसे मुंबई हमलों में संलिप्तता के मामले में भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध पर पुन: गिरफ्तार किया गया. इन हमलों में छह अमेरिकियों समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी. अमेरिकी पुलिस ने राणा को पहली बार शिकागो ओहारे हवाईअड्डे पर हेडली की गिरफ्तारी के तुरंत बाद अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार किया था.
लॉस एंजिलिस में अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जज जैक्लीन चेलोनियन ने 13 नवंबर को जारी अपने आदेश में कहा कि इस मामले में प्रत्यर्पण की सुनवाई 12 फरवरी, 2021 को सुबह 10 बजे होगी. राणा के पास प्रत्यर्पण के अनुरोध के विरोध में याचिका दायर करने के लिए 21 दिसंबर तक का समय है. अमेरिका सरकार के पास इसका उत्तर दायर करने के लिए एक और महीने का समय होगा.
यह भी पढ़ें : 26/11 हमले के मास्टरमाइंड की जानकारी देने वाले को अमेरिका देगा 50 लाख डॉलर!
अमेरिका सरकार ने 28 सितंबर को अपने प्रस्ताव में राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का समर्थन किया था. भारत में उसके खिलाफ युद्ध छेड़ने, आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने, युद्ध छेड़ने का षड्यंत्र रचने और हत्या करने समेत कई मामलों में आरोप तय किए गए हैं. राणा ने अपने बचाव में दलील दी थी कि अमेरिका का हेडली को भारत प्रत्यर्पित नहीं करने का फैसला असंगत है और यह उसके प्रत्यर्पण को रोकता है.
अमेरिका के अटॉर्नी निकोला टी हन्ना ने कहा कि अमेरिका सरकार ने तर्क दिया कि ‘हेडली ने आवश्यक शर्तें पूरी की थी'.
उन्होंने कहा, ‘राणा की स्थिति अलग है क्योंकि उसने न तो अपराध स्वीकार किया और न ही अमेरिका सरकार के साथ सहयोग किया, इसलिए उसे वह लाभ नहीं दिए जा सकते, तो हेडली को दिए गए. यह रुख न तो असंगत है और न ही उसके(राणा) प्रत्यर्पण को रोकता है.' हन्ना ने कहा कि राणा के विपरीत हेडली ने अपने सभी आरोप तत्काल स्वीकार कर लिए थे.
पाकिस्तान में जन्मे राणा ने वहां आर्मी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई पूरी की थी और उसने पाकिस्तानी सेना में करीब एक दशक तक चिकित्सक के रूप में सेवाएं दी थीं, लेकिन बाद में उसने इसे छोड़ दिया. वह इस समय कनाडा का नागरिक है, लेकिन शिकागो में रहता था, जहां उसका कारोबार था.
अदालत में दायर दस्तावेजों के अनुसार वह कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और ब्रिटेन में रहा और वह सात भाषाएं बोलता है. मुंबई हमलों का अपराधी हेडली सरकारी गवाह बन गया था और इस समय अमेरिका में 35 साल जेल की सजा काट रहा है. हमले में शामिल पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद अजमल कसाब को 21 नवंबर, 2012 को फांसी दी गई थी. वह हमला करने वाला एकमात्र आतंकवादी था, जिसे जीवित पकड़ा गया था.
Video: सिटी सेंटर: राकेश मारिया का दावा, 26/11 को हिंदू आतंकवाद करार देना चाहता था पाकिस्तान
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं