मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ( Reliance Industries Ltd) ने दुबई (Dubai) में बिना किसी शोर-शराबे को 80 मिलियन डॉलर का बीच-साइड विला खरीदा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह शहर की अब तक सबसे बड़ी रिहायशी प्रॉपर्टी डील (biggest ever residential property deal) है. इस डील से जुड़े दो लोगों ने यह जानकारी दी. यह प्रॉपर्टी पाम जुमेरिया (Property on Palm Jumeirah) बीच पर बनी हुई है और इसे इस साल की शुरुआत में मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत के लिए खरीदा गया था. नाम ना बताने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि खजूर के आकार के मानव-निर्मित द्वीप पाम जुमेरिया के यह उत्तरी हिस्से में है. स्थानीय मीडिया ने खरीददार की जानकारी दिए बिना बताया था कि इस घर में 10 बेडरूम हैं. एक प्राइवेट स्पा है और इनडोर और आउटडोर पूल हैं.
दुबई दुनिया भर के अमीरों के लिए लोकप्रिय प्रॉपर्टी मार्केट बना हुआ है. यहां प्रॉपर्टी खरीदने वालों को लंबे समय का गोल्डल वीजा दिया जा रह है. ब्रिटिश फुटबॉलर डेविड बेकहम और उनकी बीवी विक्टोरिया. बॉलीवुड मेगास्टार शाहरुख खान अनंत अंबानी के कुछ पड़ोसियों में से एक होंगे.
ब्लूमबर्ग बिलयनर्स इंडेक्स के अनुसार, अनंत अंबानी मुकेश अंबानी की $93.3 बिलियन की जायदाद के तीन वारिसों में से एक हैं. दुनिया के 11वें सबसे अमीर आदमी मुकेश अब 65 साल के हो चले हैं और धीरे-धीरे अपने बच्चों को अपने व्यापारों की बागडोर थमा रहे हैं.
दुबई के पाम जुमेरिया बीच पर कई बड़े होटल, नामी क्लब, स्पा और रेस्त्रां हैं. साथ ही यहां कई आलीशान अपार्टमेंट टावर हैं जो सासें सामने वाले पर्शियन समुद्र के नीले पानी का दीदार कराते हैं. इसे 2001 में बनाना शुरू किया गया था. पहली बार 2007 में यहां लोगों ने रहना शुरू किया.
दुबई का प्रॉपर्टी मार्केट उसकी अर्थव्यवस्था में तिहाई हिस्से जितना बड़ा है. अब दुबई का प्रॉपर्टी मार्केट 7 साल तक गिरे रहने के बाद एक बाद फिर उठने लगा है. इसका श्रेय यहां की कोविड 19 को संभालने के लिए अपनाए गए तरीकों को जाता है. साथ ही बाहर से काम करने वालों के अर्थव्यवस्था में बड़ी भागीदारी भी दी गई. नए नियमों के अनुसार, दुबई की प्रॉपर्टी में निवेश करने वाले को 10 साल का वीजा मिल सकता है. लेकिन शर्त यह है कि यह प्रॉपर्टी कम से कम 2 मिलियन दिरहम की होनी चाहिए.
विदेशों के निवासी अब यूएई की जनसंख्या का 80% से अधिक हिस्सा हैं. यहां की अर्थव्यवस्था में भी दुबई को स्थानीय लोगों का बड़ा योगदान है. अधिकतर बाहरी लोग आकर यहां प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं और दुनिया के सबसे बड़े कुछ मॉल्स में अपना पैसा खर्च करते हैं. भारतीय खास तौर से दुबई में रीयल एस्टेट की खरीदादारी में लगातार शीर्ष पर बने हुए हैं.
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