क्रीमिया की जनता ने अपने पूर्व राजनीतिक आका रूस के साथ जाने के लिए कराए गए जनमत संग्रह के दौरान जोर-शोर से मतदान किया। पूर्व सोवियत राष्ट्र यूक्रेन में पैदा हुए राजनीतिक संकट के बाद पूर्व और पश्चिम के बीच शीत युद्ध के बाद से अब तक के सबसे बदतर तनाव के बीच क्रीमिया की जनता ने यह मतदान किया।
स्थानीय अधिकारियों ने एक्जिट पोल के हवाले से बताया कि 93 फीसदी मतदाता रूस के साथ जाने के पक्ष में हैं। क्रीमिया अगर रूस में शामिल हो गया, तो यह 2008 में सर्बिया से अलग होकर कोसोवो द्वारा आजादी के ऐलान के बाद यूरोप की एक प्रमुख घटना होगी।
एलेक्जेंडर सोरोकिन नाम के एक मतदाता ने कहा, 'मैं खुश हूं। ईमानदारी से कहूं तो मैं 60 साल का हूं और मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं यह दिन देखने के लिए जीवित रहूंगा।'
यूक्रेन के नए यूरोप समर्थक नेताओं और पश्चिम ने जनमत संग्रह को 'गैर-कानूनी' करार दिया है, क्योंकि सामरिक दृष्टि से अहम क्रीमिया इस महीने की शुरुआत से ही रूसी सैन्य बलों के वस्तुत: नियंत्रण में है।
मतदाताओं के पास एक विकल्प यह था कि वह या तो रूस के साथ जाएं या फिर 1992 के उस संविधान की तरफ वापसी करें, जिसके तहत क्रीमिया को यूक्रेन के तहत एक स्वतंत्र प्रांत बनाया गया था। यूक्रेन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना मतदाताओं के लिए विकल्प नहीं रह गया था।
इस बीच, अमेरिका ने क्रीमिया में हुए जनमत संग्रह को सिरे से खारिज कर दिया और संकट के समय रूस के इस कदम को 'खतरनाक और अस्थिरता पैदा करने वाला' करार दिया।
अमेरिकी व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने कहा, 'यह जनमत संग्रह यूक्रेन के संविधान के खिलाफ है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय रूस के सैन्य दखल के बीच हुए इन चुनावों के नतीजों को मान्यता नहीं देगा, क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हुआ है।'
This Article is From Mar 17, 2014
रूस में शामिल होने के लिए क्रीमिया ने किया मतदान, पश्चिमी देश खफा
- Reported by: AFP
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मार्च 17, 2014 09:09 am IST
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Published On मार्च 17, 2014 09:03 am IST
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Last Updated On मार्च 17, 2014 09:09 am IST
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