इस्लामाबाद:
सैन्य नेतृत्व के साथ टकराव के कारण संकट में घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की मुसीबतें उस वक्त और बढ़ गईं, जब देश की सबसे बड़ी अदालत ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने में नाकाम रहने पर उनके खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया।
न्यायालय ने 59 साल के गिलानी से 19 जनवरी को उसके सामने हाजिर होने के लिए भी कहा है। इस नए घटनाक्रम से गिलानी सरकार का संकट गहरा गया है। सरकार पहले से ही सेना के साथ मेमोगेट विवाद को लेकर टकराव की स्थिति में है।
जरदारी और आठ हजार से अधिक अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के चर्चित मामले फिर से खोलने के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से जुड़े मामले की सुनवाई शुरू करने वाले न्यायमूर्ति नासिर उल मुल्क की अध्यक्षता में सात न्यायाधीशों की पीठ ने यह आदेश जारी किया।
इस बीच सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और सहयोगी दलों ने कहा है कि प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को देश की सबसे बड़ी अदालत के समक्ष हाजिर होना चाहिए। कुछ अपुष्ट खबरों में कहा गया है कि गिलानी ने जरदारी से मुलाकात के दौरान इस्तीफे की पेशकश की है।
न्यायालय ने 59 साल के गिलानी से 19 जनवरी को उसके सामने हाजिर होने के लिए भी कहा है। इस नए घटनाक्रम से गिलानी सरकार का संकट गहरा गया है। सरकार पहले से ही सेना के साथ मेमोगेट विवाद को लेकर टकराव की स्थिति में है।
जरदारी और आठ हजार से अधिक अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के चर्चित मामले फिर से खोलने के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से जुड़े मामले की सुनवाई शुरू करने वाले न्यायमूर्ति नासिर उल मुल्क की अध्यक्षता में सात न्यायाधीशों की पीठ ने यह आदेश जारी किया।
इस बीच सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और सहयोगी दलों ने कहा है कि प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को देश की सबसे बड़ी अदालत के समक्ष हाजिर होना चाहिए। कुछ अपुष्ट खबरों में कहा गया है कि गिलानी ने जरदारी से मुलाकात के दौरान इस्तीफे की पेशकश की है।
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