अमेरिका के विदेशमंत्री जॉन कैरी आज भारत के दौरे पर आ रहे हैं। इससे पहले वाशिंगटन में कैरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल की तारीफ की। उनके बयान को भारत-अमेरिका के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
दरअसल, गुजरात दंगों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वीजा देने से इनकार करने वाला अमेरिका अब उनसे नजदीकियां बढ़ाने के पुरजोर कोशिश कर रहा है। भारत आ रहे अमेरिका के विदेशमंत्री जॉन कैरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की।
उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को एक ऐसे मुकाम तक ले जाने की भी बात कही, जिससे दोनों एक-दूसरे के साझेदार बन सकें। वाशिंगटन में अमेरिकी थिंक टैंक सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस के समारोह में केरी ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास की नीति में अमेरिका उनका साथ देना चाहता है।
जॉन कैरी ने कहा कि अब नई सरकार के साथ नई संभावनाओं और नए मौकों के साथ बातचीत का समय है। ये भारत के साथ हमारे रिश्तों में बदलाव का वक्त है और हम साथ मिलकर नया इतिहास रचने को प्रतिबद्ध हैं। भारत सरकार का सबका साथ सबका विकास की नीति का हम समर्थन करते हैं।
हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि दोनों देश कई मामलों में आमने-सामने हैं। चाहे वह विश्व व्यापार संगठन के नियमों की बहस हो
इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स की बात या सब्सिडी का मुद्दा हो या फिर इस्राइल-फिलस्तीन युद्ध का सवाल हो। इस पर दोनों देशों के बीच तीखी बहस चल रही है।
अमेरिका भारत को एशिया में चीन के खिलाफ एक ताकतवर साझेदार की तरह देखना चाहता है। दूसरी तरफ अमेरिकी उद्योग जगत भारत को एक बड़े बाजार की तरह देख रहा है, लेकिन वहां उसे कई रुकावटें नजर आ रही हैं। दूसरी तरफ भारत सरकार ने अब तक खुलकर अपनी अमेरिकी पॉलिसी साफ नहीं की है। माना जा रहा है कि सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ होने वाली उनकी मुलाकात से इस रिश्ते की दिशा तय होगी।
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