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This Article is From Sep 09, 2019

पाकिस्तान के झूठ का खुलासा: आतंकी मसूद अजहर जेल में नहीं, जैश मुख्यालय में रह रहा है- सूत्र

दूसरी ओर पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने दावा करता है कि वह अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.

पाकिस्तान के झूठ का खुलासा: आतंकी मसूद अजहर जेल में नहीं, जैश मुख्यालय में रह रहा है- सूत्र
आतंकी सरगना मसूद अजहर.
नई दिल्ली:

आतंकी सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान की किसी जेल में बंद नहीं है, बल्कि वह बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय में रह रहा है. यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने दी है. वहीं पाकिस्तान ने उसे गिरफ्तार करके जेल में बंद करने का दावा किया था. सूत्रों के मुताबिक मसूद अजहर की आखिरी लोकेशन बहावलपुर में स्थित जैश के मुख्यालय में मरकज सुभानल्लाह थी. सूत्रों का कहना है कि जैश प्रमुख का स्वास्थ्य सही है, लेकिन वह बाहर आने और उपदेश देने से बचता है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने दावा करता है कि वह अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को पनाह देने, प्रशिक्षण देने, जम्मू कश्मीर में भेजने के सबूतों के बाद भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इसका खंडन करते रहे हैं. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक मर्कज सुभानल्लाह आधुनिक सुविधाओं के साथ एक विशाल भवन है. यहां पर शीर्ष जैश आतंकवादियों की बैठक होती हैं. मसूद अजहर के अलावा उनके भाई और अन्य रिश्तेदार भी इस इमारत में रुके हुए हैं.

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बता दें, हालही भारत सरकार ने आतंकवाद रोधी एक नये कानून के तहत जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज मुहम्मद सईद, मुंबई आतंकी हमले के आरोपी जकी-उर-रहमान-लखवी और भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को आतंकवादी घोषित किया था. ये चारों लोग भारत में आतंकवादी हमलों में शामिल रहे हैं और उन्हें संयुक्त राष्ट्र के तहत ‘वैश्विक आतंकवादी' करार दिया जा चुका है. संसद द्वारा ‘गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम (यूएपीए) कानून 1967' में एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दिए जाने के करीब एक महीने बाद ये निर्णय लिए गए हैं. 

यूएपीए के मुताबिक पहले सिर्फ किसी समूह या संगठन को आतंकवादी घोषित किया जा सकता था. लेकिन कानून में किये गए हालिया संशोधनों से सरकार को किसी व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित करने की शक्ति मिल गई है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘पहले जब आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित किया जाता था, तब उनसे जुड़े लोग नाम बदल लेते थे और आतंकी हरकतों को अंजाम देना जारी रखते थे.'

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मंत्रालय ने कई आतंकी घटनाओं का हवाला दिया, जिसमें पाकिस्तानी आतंकवादी अजहर शामिल था. इनमें 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा परिसर पर हमला, 2001 में संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट एयर बेस पर हमला और 2017 में श्रीनगर में बीएसएफ कैंप पर हमला और 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ की एक बस में विस्फोट शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत संयुक्त राष्ट्र ने एक मई, 2019 को अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था और विशेष न्यायाधीश, नयी दिल्ली ने उसे भगोड़ा घोषित किया था.

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गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना ​​है कि मौलाना मसूद अजहर आतंकवाद में शामिल रहा है और उसे इस कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया जाना चाहिए.    गृह मंत्रालय ने सईद के बारे में कहा कि वह विभिन्न हमलों में शामिल था. इनमें वर्ष 2000 में लाल किला, रामपुर (उत्तर प्रदेश) में सीआरपीएफ शिविर और 2008 में मुंबई हमला शामिल है. मुंबई आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे. जमात-उद-दावा के संस्थापक सईद को भी संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर, 2008 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव 1267 के तहत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था.

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