रूस की सीमा के समीप युद्ध प्रभावित यूक्रेन में गुरुवार को मलेशियाई एयरलाइंस के एक विमान को कथित तौर पर मार गिराया गया, जिससे उसमें सवार सभी 283 यात्रियों और 15 क्रू मेंबर्स समेत कुल 298 लोगों की मौत हो गई। यह विमान एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रहा था।
मलेशियाई एयरलाइंस के मुताबिक एम्सटर्डम से उड़ान भरने के चार घंटे बाद विमान का संपर्क टूट गया। एक वरिष्ठ अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी ने अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन से कहा है कि इस विमान को मिसाइल के जरिये मार गिराया गया है।
अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक एक रेडार सिस्टम ने पता लगाया है कि जमीन से आसमान में मार करने के लिए मिसाइल सिस्टम ऑन हुआ था और ऐसा ठीक उसी वक्त हुआ था, जब यह विमान क्रैश हुआ। एक और रेडार सिस्टम ने विमान से मिसाइल टकराने के वक्त भीषण गर्मी के संकेत भी ट्रैक किए हैं। अब अमेरिका यह जानने में जुटा हुआ है कि यह हमला कहां से हुआ था।
हादसे के बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हुआ है कि अगर विमान पर हमला हुआ, तो इसे किसने निशाना बनाया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि यह आतंकी हमला है। वहीं यूक्रेन के गृह मंत्री के सलाहकार एटॉन हेराशचेको ने आरोप लगाया है कि जिस मिसाइल से विमान को निशाना बनाया गया, वह बक लॉन्चर से छोड़ा गया था और यह लॉन्चर रूस में बनता है। एटॉन के मुताबिक ये लॉन्चर जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है।
यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूसी सेना यूक्रेन में विद्रोहियों को आधुनिक हथियार मुहैया करा रही है। वहीं यूक्रेन के अलगाववादी नेता बोरडाइ ने आरोप लगाया है कि इस यात्री विमान को यूक्रेन ने ही मार गिराया है। जैसे ही इस विमान के क्रैश होने की खबर आई। मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने तुरंत जांच शुरू करने का आदेश दे दिया। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर विमान पर हमला किया गया है, तो दोषियों को सजा दिलाकर रहेंगे।
वहीं अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि विमान हादसे की जांच में मदद के उनके प्रस्ताव को युक्रेन ने स्वीकार कर लिया है। बिडेन ने भी विमान पर हमला होने की बात कही है।
मलेशियन एयरलाइंस ने विमान के यात्रियों के बारे में जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक विमान में 154 यात्री नीदरलैंड के, 27 ऑस्ट्रेलिया के, 23 मलेशिया के, 11 इंडोनेशिया के, छह ब्रिटेन, जर्मनी और बेल्जियम के चार-चार यात्री, तीन फिलीपींस के और एक यात्री कनाडा का था।
रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के प्रवक्ता की ओर से सफाई दी गई है कि रूस का इस क्रैश से कोई लेना-देना नहीं है और अगर कोई सोचता है कि रूस ने विमान पर हमला कराया है, तो यह सिर्फ बेवकूफी है। पुतिन की ओर से यह भी कहा गया है कि इस क्रैश का जिम्मेदार यूक्रेन ही है,क्योंकि जिसकी सीमा में घटना होती है, उसे जिम्मेदारी लेनी होती है।
यूक्रेन की एक खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि मलेशियाई एयरलाइंस के विमान पर हमला रूस समर्थक विद्रोहियों ने किया है और इसके सबूत भी उसके पास हैं। एजेंसी के मुताबिक उन्होंने रूस समर्थक विद्रोहियों के दो फोन टेप किए हैं। पहले फोन रिकॉर्ड में विद्रोही कमांडर आइगोर बेज़लेर रूसी खुफिया विभाग के अधिकारी से कह रहे हैं कि विद्रोही सेना ने एक विमान को मार गिराया है।
वहीं एक अन्य फोन रिकॉर्डिंग में क्रैश साइट से एक विद्रोही दूसरे विद्रोही से कह रहा है कि जिस विमान को मार गिराया गया है, वह एक यात्री विमान है। हालांकि विद्रोहियों ने ऐसा करने से साफ इनकार किया है।
मलेशियाई एयरलाइंस के यात्री विमान के साथ पिछले छह महीने में यह दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले मार्च में कुआलालंपुर से बीजिंग जा रही फ्लाइट एमएच 370 भी क्रैश हो गई थी और आज तक उसका कोई पता नहीं चला है। इस फ्लाइट में 239 यात्री सवार थे। कहा गया कि यह फ्लाइट दक्षिणी हिंद महासागर में क्रैश हुई थी, लेकिन आज तक इसका कोई सुराग नहीं मिला है।
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