बांग्लादेश में रविवार को संसदीय चुनाव के लिए हुआ मतदान हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण बुरी तरह प्रभावित रहा और इस दौरान कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई।
बांग्लादेश संसदीय चुनाव के लिए रविवार को हुआ मतदान सायं 4.00 बजे समाप्त हुआ, और रविवार को ही शाम 8.00 बजे मतगणना भी शुरू हो गई।
समाचार पत्र 'द डेली स्टार' के अनुसार, मतदान के दौरान पूरे देश से हिंसा की खबरें आईं तथा हिंसा में विपक्षी दलों के कम से कम 18 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई।
इसके अलावा एक निर्वाचन अधिकारी और एक सुरक्षाकर्मी की भी मौत हो गई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ढाका से 400 किलोमीटर दूर ठाकुरगांव जिले में मतदान शुरू होने से कुछ घंटों पहले एक मतदान केंद्र पर नियुक्त सहायक पीठासीन अधिकारी जुबैदुर रहमान (45) की कुछ अज्ञात शरारती तत्वों ने हत्या कर दी।
बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी 'बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी' (बीएनपी) ने हालांकि रविवार को हुई हिंसा में 21 कार्यकर्ताओं की मौत होने का दावा किया है।
बीएनपी ने मतदान को रद्द करने की मांग में सोमवार से 48 घंटे के बंद का आह्वान किया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बीएनपी के प्रवक्ता उस्मान फारुक के हवाले से कहा कि बंद का यह आह्वान रविवार को हुई हिंसा में विपक्ष के 21 कार्यकताओं की हत्या के विरोध में भी बुलाया गया है।
मतदान के सही-सही आकड़े अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन बांग्लादेश निर्वाचन आयोग ने कहा कि कई राजनीतिक दलों के बहिष्कार करने की वजह से मतदान काफी कम हुआ।
उन्होंने हालांकि कहा कि मतदान पूरी निष्पक्षता से कराए गए। हिंसा के कारण करीब 150 मतदान केंद्रों पर मतदान निलंबित कर दिया गया।
विवादों में उलझे बांग्लादेश के 10वें संसदीय चुनाव के बाद कहा जा रहा है कि प्रमुख विपक्षी पार्टी और इसके सहयोगी दलों द्वारा चुनाव बहिष्कार की वजह से 153 उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी सहित 21 पार्टियों ने निष्पक्ष चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों से अलग एक अंतरिम सरकार के गठन का आह्वान किया, लेकिन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इनकार कर दिया था। इसके बाद बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे के पूर्ण बहिष्कार की घोषणा की।
बीएनपी की नेता खालिदा जिया ने इस चुनाव को कुत्सित स्वांग करार दिया।
विपक्ष के विरोध की वजह से अपराह्न एक बजे तक ढाका, चटगांव, सिलहट, राजशाही, मुंशीगंज, कुश्तिया और जसोर में बहुत ही कम मतदान दर्ज किया गया था।
डेली स्टार के अनुसार, देश भर में आम चुनाव को विफल करने के प्रयास में कम से कम छह विपक्षी समर्थक रंगपुर, निलफामरी, फेनी और मुंशीगंज में मारे गए। विपक्ष काफी समय पहले से चुनाव का बहिष्कार कर रहा है।
रंगपुर जिले के पीगच्छा तहसील में मतदान केंद्र पर कब्जा करने के प्रयास में जमात-ए-इस्लामी के दो कार्यकर्ता पुलिस की गोलीबारी में मारे गए। निलफामरी, जलधाका, फेनी और दूसरी कई जगहों पर विपक्षी समर्थक मारे गए।
लालमोनिरहाट में सत्तारूढ़ अवामी लीग (एएल) के साथ शनिवार को हुई बीएनपी की झड़प में गंभीर रूप से घायल एक बीएनपी कार्यकर्ता की रविवार को अस्पताल में मौत हो गई।
ज्ञात हो कि बीएनपी और इसके 17 सहयोगी दलों ने चुनाव का बहिष्कार किया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं