संयुक्त राष्ट्र:
भारत ने विकास एवं सुरक्षा के प्रति वैश्विक प्रयासों के लिए राष्ट्र निर्माण के अपने अनुभव का प्रस्ताव देते हुए शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय ढांचे के सुधार का आह्वान किया है। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को कहा, "शांति बहाली के जितने अभियानों में जितने शांति कार्यकर्ताओं का योगदान भारत ने किया है, उतना किसी देश ने नहीं किया है।" कृष्णा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के अस्थायी सदस्य बनने के बाद पहली बार यहां बोल रहे थे। शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने तथा शांति स्थापना के लिए अंतरराष्ट्रीय ढांचे के सुधार का आह्वान करते हुए कृष्णा ने कहा, "समस्याओं से निपटने वाली वैश्विक ताकत और क्षमताएं आज के छह वर्ष पहले जो थीं, आज उनमें काफी बिखराव आ गया है। मौजूदा ढांचे को चाहिए कि वह इन वास्तविकताओं को हर हाल में स्वीकार करे और कमियों को दूर करे।" कृष्णा ने कहा कि भारत, 19 वर्ष बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वापस लौटा है। यह भारत के लिए रूपांतरकारी साबित हुआ है। उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि प्रभावी और सक्षम सुरक्षा परिषद हम सभी के हित में है और हम इसकी मजबूती के लिए काम करेंगे।" कृष्णा ने कहा कि भारत, सुरक्षा परिषद की अपनी सदस्यता के साथ जुड़ी उम्मीदों को समझता है और पांच स्थायी सदस्यों और निर्वाचित सदस्यों, खासतौर से वे जिनकी साख स्थायी सदस्यता के लिए स्वीकारी जा चुकी है, के बीच प्रभावी सामंजस्य को लेकर वास्तव में सजग है। कृष्णा ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि घनिष्ठ सहयोग की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा से सम्बंधित मुद्दों पर हम सभी एक हैं।" कृष्णा ने अधिक विकास एवं सुरक्षा के वैश्विक प्रयासों के लिए उपलब्ध, राष्ट्र निर्माण में भारत द्वारा छह दशकों के दौरान हासिल किए जा रहे व्यापक अनुभव के प्रति भी प्रतिबद्धता दोहराई। कृष्णा ने कहा, "हमारे शांति कार्यकर्ता प्रारम्भ में शांति संस्थापक रह चुके हैं। हम विकास सम्बंधी पहलों में द्विपक्षीय स्तर पर, और बहुपक्षीय स्तर पर योगदान करने के प्रति भी बचनबद्ध हैं।"
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