नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने केपी शर्मा ओली को फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. वे शुक्रवार स्थानीय समय के हिसाब से 2:30 बजे शपथ लेंगे. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के संसद में विश्वास मत हासिल न कर पाने के बाद राष्ट्रपति ने सभी दलों को गुरुवार रात 9 बजे तक प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर किसी नाम के साथ सामने आने को कहा था. ये समय सीमा ख़त्म हो गई लेकिन कोई राजनीतिक दल किसी नाम के साथ आगे नहीं आया. इसके बाद केपी शर्मा ओली को फिर से प्रधानमंत्री पद के तौर पर शपथ लेने की रिलीज़ जारी की गई है. ओली को 30 दिनों में अपना बहुमत सिद्ध करना होगा.
इससे पहले, सोमवार को केपी शर्मा ओली को बड़ा झटका लगा है जब वे प्रतिनिधि सभा में बहुमत साबित करने में विफल रहे थे. प्रचंड की पार्टी द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद अल्पमत में आई ओली सरकार को बहुमत साबित करना था, लेकिन नेपाल के प्रधानमंत्री ओली विश्वास मत नहीं जीत पाए. केपी शर्मा ओली को अपने विश्वास मत के पक्ष में 93 वोट मिले जबकि विपक्ष में 124 वोट गिरे. कुल 232 सांसदों ने मतदान किया. 275 सदस्य प्रतिनिधि सभा में 4 सीट खाली है.
गौरतलब है कि नेपाल में राजनीति संकट पिछले साल 20 दिसंबर को तब शुरू हुआ जब राष्ट्रपति भंडारी ने प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर संसद को भंग कर 30 अप्रैल और 10 मई को नए सिरे से चुनाव कराने का निर्देश दिया गया. ओली ने यह अनुशंसा सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में सत्ता को लेकर चल रही खींचतान के बीच की थी.
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