अमेरिका में भी अब जय श्रीकृष्णा की गूंज है. और इस गूंज का श्रेय जाता है भारतीय मूल के काश पटेल को, जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप ने FBI चीफ के पद के लिए नॉमिनेट किया है. आपको बता दें कि वो इसी सिलसिले में कंफर्मेशन हियरिंग के लिए सीनेट की ज्यूडिशियल कमेटी के समक्ष पेश हुए थे. इस दौरान उन्होंने कमेटी के सदस्यों के समक्ष अपनी बात रखी. जब वह कमेटी के सामने पेश हो रहे थे उस दौरान उनके अभिभावक और उनकी बहन भी उस हॉल में मौजूद थे. काश पटेल ने कमेटी मेंबर्स से अपने अभिभावक का परिचय कराया और आखिर अपने अभिभावको अभिनंदन जय श्रीकृष्णा बोलकर किया. कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के बाद काश पटेल ने अपने अभिभावक के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया.
काश पटेल का ये वीडियो भी हो रहा है वायरल
काश पटेल का सीनेट की ज्यूडिशियल कमेटी के समक्ष पेश होने का वीडियो भी अब खूब वायरल हो रहा है. इसी वीडियो में दिख रहा है कि वह कमेटी के सामने बैठने के बाद पहले अपने पिता और माता के बारे में बताते हैं. वो कहते हैं कि इस समय आपके सामने मेरे माता-पिता भी मौजूद हैं. वो भारत से यहां इस मौके पर मेरे साथ रहने के लिए आए हैं. मेरी बहन भी मेरे साथ हैं. वो भी भारत से यहां मेरे लिए ही आई हैं. इसके बाद वह अपने अभिभावक को जय श्रीकृष्ण कहते हैं. और फिर आगे की प्रक्रिया शुरू होती है.
भारत से रहा है जुड़ाव
काश पटेल का जुड़ाव शुरू से ही भारत से रहा है. उनके माता पिता 70 के दशक में युगांडा से कनाडा चले गए थे. काश पटेल का भी गुजरात से भी कनेक्शन रहा है. आपको बता दें कि काश पटेल का जन्म न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में हुआ था. डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद एफबीआई चीफ के पद के लिए काश पटेल के नाम का प्रस्ताव रखा था.
Jai Shri Krishna 🙏🏻 pic.twitter.com/8rEmCBgd95
— Yo Yo Funny Singh (@moronhumor) January 30, 2025
ट्रंप के खास लोगों में शामिल रहे हैं काश पटेल
कहा जाता है कि काश पटेल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खास लोगों में से एक है. यही वजह है कि जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में बंपर जीत दर्ज की तो एफबीआई जैसी जगह के लिए अपने सबसे खास कहे जाने वाले काश पटेल को वहां का चीफ बनाने का ऐलान किया.
पिछले कार्यकाल में ही FBI या CIA का चीफ बनाना चाहते थे ट्रंप
कहा जाता है कि डोनाल्ड ट्रंप जब पिछली दफा अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे वो उस दौरान भी काश पटेल को फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन FBI या CIA का डिप्टी डायरेक्टर बनाना चाहते थे. ऐसा करके उनका मकसद इंटेलिजेंस एजेंसियों पर अपनी पकड़ मजबूत करना था. हालांकि, CIA डायरेक्टर जीना हैस्पेल ने इस्तीफे की धमकी दी और अटॉर्नी जनरल बिल ने इस कदम का विरोध किया था. क्योंकि काश के पास दुनिया की सबसे बड़ी इंटेलिजेंस एजेंसी चलाने का कतई अनुभव नहीं था. विरोध को देखते हुए आखिरकार ट्रंप को अपना इरादा बदलना पड़ा था.
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