अमेरिकी न्याय विभाग ने यात्रा प्रतिबंध पर रोक को चुनौती दी है (फाइल फोटो)
वॉशिंगटन:
अमेरिकी न्याय विभाग ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादास्पद यात्रा प्रतिबंध पर देशभर में रोक लगाने के अदालती आदेश को चुनौती दी है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने शुक्रवार रात एक बयान में कहा था 'न्याय विभाग (डीओजी) यथासंभव जल्द से जल्द इस अपमानजनक आदेश पर रोक लगाने की अपील करेगा और राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश का बचाव करेगा, जो कि हमें लगता है कि वैध और उचित है.' स्पाइसर ने कहा 'राष्ट्रपति के आदेश का मकसद देश की रक्षा करना है और उनके पास अमेरिकी नागरिकों की रक्षा करने का संवैधानिक अधिकार और जिम्मेदारी है.'
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले संघीय न्यायाधीश जेम्स एल रॉबर्ट ने वाशिंगटन राज्य के अटॉर्नी जनरल बॉब फर्गुसन के आग्रह पर ट्रंप के इस आदेश पर रोक लगा दी है. अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के अनुसार यह आदेश देशभर में मान्य रहेगा.
रॉबर्ट ने आदेश में कहा, 'अदालत का यह फैसला है कि आज जिन परिस्थितियों में यह मामला अदालत के समक्ष लाया गया है, उसे हमारी त्रिपक्षीय सरकार प्रणाली में अपनी संवैधानिक भूमिका निभाने के लिए अवश्य हस्तक्षेप करना चाहिए.' वाशिंगटन के अटॉर्नी जनरल बॉब फर्गुसन ने रॉबर्ट के आदेश के थोड़ी देर बाद ही सीएनएन से कहा, 'हम यही चाहते थे.'
ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध के आदेश के खिलाफ सबसे पहले वाशिंगटन राज्य ने अपील दायर की थी. बाद में मिनेसोटा ने भी इसका समर्थन किया था. सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने भी रॉबर्ट के आदेश का स्वागत किया.
शूमर ने एक बयान में कहा, 'यह संविधान की और हम सभी की जीत है, जो मानते हैं कि अमेरिकी विचारधारा से उलट यह आदेश हमें सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप को अदालत का यह फैसला मानना चाहिए और उन्हें अपना कार्यकारी आदेश हमेशा के लिए वापस ले लेना चाहिए.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले संघीय न्यायाधीश जेम्स एल रॉबर्ट ने वाशिंगटन राज्य के अटॉर्नी जनरल बॉब फर्गुसन के आग्रह पर ट्रंप के इस आदेश पर रोक लगा दी है. अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के अनुसार यह आदेश देशभर में मान्य रहेगा.
रॉबर्ट ने आदेश में कहा, 'अदालत का यह फैसला है कि आज जिन परिस्थितियों में यह मामला अदालत के समक्ष लाया गया है, उसे हमारी त्रिपक्षीय सरकार प्रणाली में अपनी संवैधानिक भूमिका निभाने के लिए अवश्य हस्तक्षेप करना चाहिए.' वाशिंगटन के अटॉर्नी जनरल बॉब फर्गुसन ने रॉबर्ट के आदेश के थोड़ी देर बाद ही सीएनएन से कहा, 'हम यही चाहते थे.'
ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध के आदेश के खिलाफ सबसे पहले वाशिंगटन राज्य ने अपील दायर की थी. बाद में मिनेसोटा ने भी इसका समर्थन किया था. सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने भी रॉबर्ट के आदेश का स्वागत किया.
शूमर ने एक बयान में कहा, 'यह संविधान की और हम सभी की जीत है, जो मानते हैं कि अमेरिकी विचारधारा से उलट यह आदेश हमें सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप को अदालत का यह फैसला मानना चाहिए और उन्हें अपना कार्यकारी आदेश हमेशा के लिए वापस ले लेना चाहिए.'
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