केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की फाइल फोटो
जम्मू:
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जिहाद का आह्वान करने वाले लोगों को सबसे पहले अपने बच्चों को जीवन का बलिदान देने के लिए आगे लाकर उदाहरण पेश करना चाहिए।
सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अगर इस तथाकथित जिहाद के पीछे कोई आस्था है तो उन्हें सबसे पहले अपने बच्चों के जीवन का बलिदान दिलाकर एक नजीर पेश करनी चाहिए। उन्हें निर्दोष परिवारों के बच्चों को बलि के बकरे के तौर पर इस्तेमाल करने से पहले खुद के बच्चों को सामने लाना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'इस देश और जम्मू कश्मीर के युवाओं को शिक्षित और प्रेरित करने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें यह समझाना है कि अगर यह तथाकथित जिहाद या आजादी की लड़ाई इतनी पवित्र है, जितना की विश्वास दिलाया जा रहा है तो उन्हें अपने नेताओं से यह पूछना चाहिए कि क्यों उनके बच्चे दूसरे राज्यों, महानगरों और अन्य देशों में सुरक्षित जगहों पर रह रहे हैं, नौकरी कर रहे हैं या अध्ययन कर रहे हैं।'
घाटी में मौजूदा अशांति पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, 'भारत ने कई बार दोहराया है कि आतंकवाद के प्रति उसका दृष्टिकोण बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने का है।' केंद्रीय मंत्री ने घाटी में स्थिति पर काबू पाने में विफल रहने के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराए जाने और यह प्रचार करने कि जम्मू कश्मीर में 'बीजेपी के नए राजकाज के मॉडल' के चलते लोगों की जानें गईं, नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'मैं नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस को यह याद दिलाना चाहता हूं कि 2010 में जब वे सत्ता में थे, इसी तरह की हिंसा में 100 से अधिक लोगों ने अपनी जानें गवाईं थीं। जम्मू कश्मीर में विपक्षी दलों से पूछा जाना चाहिए कि जब वे सत्ता में थे तो किस तरह का मॉडल था।'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अगर इस तथाकथित जिहाद के पीछे कोई आस्था है तो उन्हें सबसे पहले अपने बच्चों के जीवन का बलिदान दिलाकर एक नजीर पेश करनी चाहिए। उन्हें निर्दोष परिवारों के बच्चों को बलि के बकरे के तौर पर इस्तेमाल करने से पहले खुद के बच्चों को सामने लाना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'इस देश और जम्मू कश्मीर के युवाओं को शिक्षित और प्रेरित करने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें यह समझाना है कि अगर यह तथाकथित जिहाद या आजादी की लड़ाई इतनी पवित्र है, जितना की विश्वास दिलाया जा रहा है तो उन्हें अपने नेताओं से यह पूछना चाहिए कि क्यों उनके बच्चे दूसरे राज्यों, महानगरों और अन्य देशों में सुरक्षित जगहों पर रह रहे हैं, नौकरी कर रहे हैं या अध्ययन कर रहे हैं।'
घाटी में मौजूदा अशांति पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, 'भारत ने कई बार दोहराया है कि आतंकवाद के प्रति उसका दृष्टिकोण बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने का है।' केंद्रीय मंत्री ने घाटी में स्थिति पर काबू पाने में विफल रहने के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराए जाने और यह प्रचार करने कि जम्मू कश्मीर में 'बीजेपी के नए राजकाज के मॉडल' के चलते लोगों की जानें गईं, नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'मैं नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस को यह याद दिलाना चाहता हूं कि 2010 में जब वे सत्ता में थे, इसी तरह की हिंसा में 100 से अधिक लोगों ने अपनी जानें गवाईं थीं। जम्मू कश्मीर में विपक्षी दलों से पूछा जाना चाहिए कि जब वे सत्ता में थे तो किस तरह का मॉडल था।'
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