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This Article is From Mar 20, 2024

अमेरिका में सैकड़ों यहूदी महिलाएं सेक्स हड़ताल पर, तलाक कानून का कर रहीं विरोध

विराध कर रहीं महिलाओं का कहना है कि मौजूदा व्यवस्था, जिसमें तलाक के लिए पति की लिखित अनुमति की आवश्यकता होती है, उन्हें दुखी और यहां तक ​​कि अपमानजनक विवाह में फंसा देती है.

अमेरिका में सैकड़ों यहूदी महिलाएं सेक्स हड़ताल पर, तलाक कानून का कर रहीं विरोध
हड़ताली महिलाओं को सोशल मीडिया पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा...

अमेरिका में अनुचित तलाक कानून को लेकर एक अलग ही विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है. न्यूयॉर्क के किरयास जोएल में 800 से अधिक हसीदिक महिलाओं ने सेक्स स्‍ट्राइक शुरू कर दी है. स्‍थानीय मीडिया मेट्रो के अनुसार, विरोध कर रहीं महिलाओं का मकसद सदियों पुराना यहूदी कानून को बदलवाना है, जो महिलाओं के लिए तलाक हासिल करना बेहद कठिन बना देता है.

विराध कर रहीं महिलाओं का कहना है कि मौजूदा व्यवस्था, जिसमें तलाक के लिए पति की लिखित अनुमति की आवश्यकता होती है, उन्हें दुखी और यहां तक ​​कि अपमानजनक विवाह में फंसा देती है. समाचार आउटलेट के अनुसार, उन्हें उम्मीद है कि हड़ताल उनके पतियों और व्यापक समुदाय पर कानूनी सुधारों की वकालत करने के लिए दबाव डालेगी.

हालांकि, महिलाओं के इस विरोध ने द्वीपीय समुदाय के भीतर विवाद को जन्म दे दिया है. हड़ताली महिलाओं को सोशल मीडिया पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. किरयास जोएल के सख्त धार्मिक नियमों के अनुसार, महिलाओं को पुलिस में घरेलू हिंसा की रिपोर्ट करने से पहले रब्बी (यहूदियों के धर्मगुरु) की मंजूरी लेनी होगी.

हड़ताल क्यों?

दरअसल, रब्बी द्वारा हस्ताक्षरित एक दस्तावेज़, धार्मिक रूप से वैध तलाक के लिए जरूरी होता है. यहां पत्नी के पास स्वयं तलाक लेने का कोई अधिकार नहीं है. अगर पत्‍नी के लिए आवेदन करे, तो  पति इसे रोक सकता है. यह भी कह सकते हैं कि एक शख्‍स अपनी पत्नी को विवाह में बंधक बना सकता है. ऐसी स्थितियों में फंसी महिलाओं को "अगुनाह" या "जंजीरों में बंधी महिलाएं" कहा जाता है. 29 वर्षीय निवासी मैल्की बर्कोविट्ज़ विरोध का चेहरा बन गई हैं. वह 2020 से अलग होकर रह रही हैं, लेकिन अपने पति वॉल्वी से अभी तक तलाक नहीं ले पाई हैं. महिलाओं को उम्मीद है कि उनकी सेक्‍स स्‍ट्राइक बदलाव के लिए मजबूर करेगी और उन्हें अनचाहे विवाह को छोड़ने की आजादी देगी. 

सेक्‍स हड़ताल की अगुवाई कर रहीं एडिना सैश ने द इकोनॉमिस्ट को बताया, "मैल्की हर उस महिला का चेहरा है, जो एक विनम्र, संकोची, आज्ञाकारी भेड़ की तरह सिस्टम से लड़ रही है."

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