जापान में निजी कंपनी द्वारा अंतरिक्ष में भेजे जा रहे एक रॉकेट में उड़ान भरने के बाद विस्फोट (Japan's First Private Satellite Explodes) हो गया. बुधवार को रॉकेट लॉन्च होने के तुरंत बाद इसमें विस्फोट हो गया. पब्लिक ब्रॉडकास्टर NHK ने इसका रॉकेट ब्लास्ट का एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में रॉकेट से आग की लपटें और धुआं उठता दिख रहा है. टोक्यो के स्टार्टअप स्पेस वन का लक्ष्य सैटेलाइट को ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित करने वाली पहली प्राइवेट जापानी कंपनी बनने का था. लेकिन उसका यह मिशन विफल हो गया. जापान के पश्चिमी इलाके से इस रॉकेट को लॉन्च किया गया था. इस रॉकेट के लॉन्चिंग के तुरंत बाद फटने से जापानी प्राइवेट कंपनी की कोशिशों को भी झटका लगा है.
ये भी पढ़ें-CEC और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ी अर्ज़ी पर जल्द सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट
लॉन्चिंग के कुछ सेकंड बाद ही रॉकेट में विस्फोट
18-मीटर (60-फुट) ठोस-ईंधन कैरोस रॉकेट पश्चिमी जापान के वाकायामा प्रांत में स्टार्टअप के अपने लॉन्च पैड से एक छोटे सरकारी टेस्ट सैटेलाइट को लेकर रवाना हुआ था. लेकिन लॉन्चिंग के कुछ सेकंड बाद ही रॉकेट में आग की लपटें उठने लगीं, जिससे लॉन्च पैड इलाका काले धुएं में तब्दील हो गया. पानी का छिड़काव करते ही जलता हुआ मलबा आसपास की पहाड़ी ढलानों पर गिरने लगा.
Ouch the first Kairos rocket in Japan just, exploded after about 5 seconds. 😬
— Marcus House (@MarcusHouse) March 13, 2024
The launch site at first glance seems ok... I think. pic.twitter.com/mddZrPgJ1e
जापानी कंपनी की कोशिशों को झटका
स्पेस वन ने एक बयान में कहा, "पहले कैरोस रॉकेट का लॉन्च एक्सेक्यूट किया गया था, लेकिन हमने फ्लाइट को रद्द करने के लिए एक उपाय किया," विवरण की जांच की जा रही है. राॉकेट के उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद विस्फोट होने से जापान की निजी कंपनी की सैटेलाइट लॉन्च मार्केट में प्रवेश करने की कोशिशों को भी झटका लगा है. अब जापान की सरकार यह आकलन करना चाहती है कि क्या उसके मौजूदा जासूसी उपग्रहों में खराबी आने पर वह तुरंत अस्थायी, छोटे सैटेलाइट्स को लॉन्च कर सकती है.
2018 में हुई थी स्पेस वन की स्थापना
दरअसल काइरोस को इस बात की उम्मीद थी कि लॉन्च के करीब 51 मिनट बाद वह सैटेलाइट को ऑर्बिट में स्थापित कर देगा. बता दें कि स्पेस वन की स्थापना 2018 में प्रमुख जापानी तकनीकी व्यवसायों की एक टीम ने की थी. इसमें कैनन इलेक्ट्रॉनिक्स, आईएचआई एयरोस्पेस, निर्माण फर्म शिमिज़ु और जापान के सरकारी स्वामित्व वाले विकास बैंक शामिल थे.
पहले भी लॉन्च के तुरंच बाद रॉकेट में लगी थी आग
पिछले जुलाई में एक अन्य जापानी रॉकेट इंजन में लॉन्च के करीब 50 सेकंड बाद विस्फोट हो गया था. ठोस-ईंधन एप्सिलॉन एस एप्सिलॉन रॉकेट का एक इंप्रोवाइज्ड वर्जन था, जो पिछले अक्टूबर में लॉन्चिंग में विफल रहा था.अकिता के उत्तरी प्रान्त में इसका परीक्षण स्थल आग की लपटों में घिर गया और धुएं का गुबार आकाश में उठने लगा था.
ये भी पढ़ें-महाराष्ट्र में सीट बंटवारे पर BJP-सहयोगियों के बीच गतिरोध खत्म, NCP को मिली 4 सीटें | फुल कवरेज
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं