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This Article is From Jul 16, 2023

म्यांमार और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों से मिले जयशंकर, राजमार्ग निर्माण पर की चर्चा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यांमार के अपने समकक्ष थान स्वे और थाईलैंड के प्रमुदविनाई से मुलाकात की, भारत-म्यांमार-थाइलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग का काम तेजी से पूरा करने पर बातचीत की

म्यांमार और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों से मिले जयशंकर, राजमार्ग निर्माण पर की चर्चा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने थाईलैंड के विदेश मंत्री प्रमुदविनाई से मुलाकात की.
बैंकाक:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को म्यांमार के अपने समकक्ष थान स्वे के साथ बैठक की. इस दौरान, उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं खासतौर पर भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग का काम तेजी से पूरा करने पर चर्चा करने के साथ ही सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने की जरूरत को रेखांकित किया. जयशंकर इंडोनेशिया की यात्रा के बाद शनिवार को थाईलैंड के आधिकारिक दौरे पर बैंकाक पहुंचे थे. उन्होंने थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री दोन प्रमुदविनाई से भी मुलाकात की.

मेकोंग गंगा सहयोग (MGC) तंत्र की बैठक से इतर म्यांमार के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमारी बातचीत संपर्क पहलों पर केंद्रित रही, जिसका वृहद क्षेत्रीय महत्व है. दोपहर के समय एमजीसी की बैठक के दौरान भी इन पर चर्चा होगी. विशेष रूप से भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना सहित अन्य परियोजनाओं का काम तेजी से निपटाने की जरूरत पर जोर दिया, जिन्हें अतीत में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.''

जयशंकर ने शनिवार को कहा था कि म्यांमार की स्थिति के कारण भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग एक बहुत कठिन परियोजना रही है और इसे फिर से शुरू करने के तरीके ढूंढना सरकार की प्राथमिकता है.

भारत, थाईलैंड और म्यांमार लगभग 1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर काम कर रहे हैं, जो तीनों देशों को जमीन के जरिए दक्षिण-पूर्वी एशिया से जोड़ेगा और उनके बीच व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देगा. भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना का 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है.

यह रणनीतिक राजमार्ग परियोजना, मणिपुर के मोरेह को म्यांमार के रास्ते थाईलैंड के माए सॉट से जोड़ेगी. इस परियोजना के निर्माण में देरी हुई है. सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2019 तक राजमार्ग पर परिचालन शुरू करने का था.

थान स्वे के साथ बातचीत में जयशंकर ने सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा, ‘‘हाल-फिलहाल में वहां काफी अशांति रही है और हालात बिगाड़ने वाली किसी भी स्थिति से बचना चाहिए.''

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘थान स्वे के साथ बातचीत में मानव तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी पर चिंता व्यक्त की. तस्करी के शिकार लोगों की जल्द वापसी के लिए संबंधित पक्षों से मजबूत सहयोग की अपील की.''

जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी होने के नाते भारत, म्यांमार में मानवीय स्थिति को लेकर चिंतित है. उन्होंने चुनौतियों से निपटने के लिए जनकेंद्रित पहल का प्रस्ताव रखा. विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘म्यांमार में भारत लोकतांत्रिक परिवर्तन प्रक्रिया का समर्थन करता है और शांति एवं स्थायित्व की जरूरत को रेखांकित करता है. हम इस संबंध में आसियान के साथ अपनी नीति को लेकर करीबी समन्वय करेंगे.''

जयशंकर ने बाद में थाईलैंड के विदेश मंत्री प्रमुदविनाई से मुलाकात की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जकार्ता से अपनी वार्ता को आगे बढ़ाते हुए. आज थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री दोन प्रमुदविनाई से मुलाकात कर प्रसन्नता का अनुभव हुआ. मेकोंग गंगा सहयोग (एमजीसी) तंत्र की बैठक का इंतजार है.''

बैंकाक में जयशंकर मेकोंग गंगा सहयोग तंत्र के विदेश मंत्रियों की12वीं बैठक में हिस्सा लेंगे और बिम्स्टेक देशों के विदेश मंत्रियों के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे.''

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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