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This Article is From Dec 13, 2023

Israel-Hamas War: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में गाजा युद्धविराम की मांग वाले प्रस्ताव के पक्ष में किया मतदान

Israel-Hamas War: प्रस्ताव में "तत्काल मानवीय युद्धविराम", सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई और साथ ही "मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने" की मांग की गई है.

Israel-Hamas War: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में गाजा युद्धविराम की मांग वाले प्रस्ताव के पक्ष में किया मतदान
संयुक्त राष्ट्र:

Israel-Hamas War: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंगलवार को भारी बहुमत से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें गाजा में युद्धविराम की मांग की गई. भारत समेत 153 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि अमेरिका (US), इज़राइल (Israel) और ऑस्ट्रिया (Austria) सहित 10 ने विरोध में मतदान किया और अर्जेंटीना (Argentina), यूक्रेन (Ukraine) और जर्मनी सहित 23 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया.

'अपने दायित्वों का पालन करें'

प्रस्ताव में "तत्काल मानवीय युद्धविराम", सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई और साथ ही "मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने" की मांग की गई है. इसमें आगे मांग की गई है कि सभी पक्ष नागरिकों की सुरक्षा के संबंध में मानवीय कानून सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करें.

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) ने कहा कि 7 अक्टूबर को इजरायल में एक आतंकवादी हमला हुआ. उन्होंने कहा कि वहां भारी मानवीय संकट है और बड़े पैमाने पर मानव जीवन की हानि हुई है.

कंबोज ने कहा कि भारत ने महासभा द्वारा हाल ही में अपनाए गए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है. यह अगस्त निकाय जिस स्थिति पर विचार-विमर्श कर रहा है, उसके कई आयाम हैं. 7 अक्टूबर को इज़राइल में आतंकवादी हमला और उस समय बंधक बनाए गए लोगों की चिंता है . एक मानवीय संकट है और बड़े पैमाने पर नागरिक जीवन की हानि हो रही है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की. सभी परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का मुद्दा है.

उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान समय में क्षेत्र के सामने मौजूद कई चुनौतियों के समाधान के लिए एक साझा आधार खोजने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकता का स्वागत करता है. रुचिरा कंबोज ने कहा कि इस असाधारण कठिन समय में हमारी चुनौती सही संतुलन बनाने की है. संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 99 को लागू करते हुए महासचिव द्वारा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों की गंभीरता और जटिलता को रेखांकित किया गया है.  इसलिए, हम इस तथ्य का स्वागत करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकता इस समय क्षेत्र के सामने मौजूद कई चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक साझा आधार खोजने में सक्षम है."

इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में मसौदा प्रस्ताव में संशोधन संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित नहीं किया गया. कम से कम 84 देशों ने संशोधन के पक्ष में मतदान किया; 62 ने विरोध में वोट किया जबकि 25 वोट नहीं पड़े. इसके अलावा, गाजा संकट पर मसौदा प्रस्ताव में ऑस्ट्रिया के नेतृत्व वाला संशोधन संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित होने में विफल रहा. 89 देशों ने संशोधन के पक्ष में मतदान किया, 61 ने संशोधन के खिलाफ मतदान किया और 20 मतदान से अनुपस्थित रहे.

इससे पहले महासभा में 27 अक्टूबर को पेश प्रस्ताव में मानवीय आधार पर तत्काल युद्ध विराम'' और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच का आह्वान किया गया था. उस समय प्रस्ताव के समर्थन में 120 और विरोध में 14 मत पड़े थे तथा 45 देश अनुपस्थित रहे थे. भारत उस समय मतदान से दूर रहा था.

अमेरिका ने गाजा में मानवीय आधार पर तत्काल युद्ध विराम की मांग कर रहे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लगभग सभी सदस्यों और कई अन्य देशों द्वारा समर्थित प्रस्ताव के खिलाफ विश्व निकाय में शुक्रवार को वीटो का इस्तेमाल किया था. संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव के पक्ष में 13 वोट पड़े थे और एक मत विरोध में पड़ा था. ब्रिटेन मतदान से दूर रहा.

7 अक्टूबर से चल रही है जंग

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर से जंग (Israel Palestine War) चल रही है. इस दौरान दोनों के बीच 6 दिन का सीजफायर समझौता (Israel-Hamas Ceasefire)हुआ था. इसके तहत हमास ने करीब 100 बंधकों को रिहा किया. जवाब में इजरायल ने भी कई फिलिस्तीनी कैदियों को आजाद किया है. 
 

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