
राष्ट्रपति तीन राष्ट्रों की ऐतिहासिक यात्रा के दूसरे चरण में फिलिस्तीन में होंगे
यरुशलम:
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी प्रतिष्ठित फिलिस्तीनी विश्वविद्यालय अल-कुद्स युनिवर्सिटी को भारत की तरफ से आईटी उपकरण भेंट करने वाले हैं, लेकिन इस्राइल इस भारतीय तोहफे में शामिल चार संचार प्रणालियों को युनिवर्सिटी में ले जाने की इजाजत शायद ही दे, जिससे आज एक विवाद पैदा हो गया।
राष्ट्रपति रविवार को अल-कुद्स युनिवर्सिटी के अत्याधुनिक इंन्फॉर्मेशन टेक्नोलोजी सेंटर का उद्घाटन करने वाले हैं और चार संचार प्रणालियां इसका अत्यंत अहम हिस्सा हैं।
बेन गुरियान एयरपोर्ट पर अटकी पड़ी हैं संचार प्रणालियां
इस्राइल के कस्टम विभाग ने 30 कंप्यूटरों को ले जाने की इजाजत दे दी, जो अश्दोद बंदरगाह पर फंसे पड़े थे, लेकिन संचार प्रणालियां बेन गुरियान हवाई अड्डे पर ही अटकी हुई हैं और इसकी संभावना कम ही है कि उसे आईटी सेंटर ले जाने की इजाजत मिले।
यरुशलम में अधिकारियों ने कहा कि कस्टम विभाग से मंजूरी मिलने के बाद कंप्यूटर अब ले जाया जा रहा है और मुखर्जी द्वारा उद्घाटन किए जाने से पहले सेंटर पहुंच जाएंगे।
इस्राइल ने दी कानून की दुहाई
इस बीच, इस्राइली सूत्रों ने यह कहते हुए इन विवादों को ज्यादा तरजीह नहीं दी कि संचार प्रणालियों को अल-कुद्स युनिवर्सिटी में ले जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती, क्योंकि कानून इसकी इजाजत नहीं देता।
इस्राइली सूत्रों ने कहा, 'जिस तरह भारतीय कानून अपनी सरजमीन में सैटेलाइट फोन ले जाने की इजाजत नहीं देते, संचार प्रणालियों से संबंधित आवृत्ति (फ्रिक्वेंसी) के साथ तकनीकी मुद्दे हैं जो हमारी कानूनी जरूरत पर खरा नहीं उतरते।'
राष्ट्रपति के अल अक्सा मस्जिद जाने पर भी विवाद
राष्ट्रपति के अल अक्सा मस्जिद जाने के कार्यक्रम पर बहु प्रचारित इस्राइली आपत्ति के बाद यह नया विवाद सामने आया है। फिलिस्तीनियों के शैक्षिक समर्थन एवं सहयोग में भारत हमेशा अग्रणी साझेदार रहा है।
इस्राइल ने टेंपल माउंट या हरम अल-शरीफ के परिसर में स्थित इस्लाम के तीसरे सबसे मुकद्दस स्थल अल अक्सा मस्जिद पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बाद पिछले सितंबर माह से वहां झड़पें चल रही हैं और अल कुद्स युनिवर्सिटी इसकी जद में आ चुकी है।
अल-कुद्स युनिवर्सिटी में राष्ट्रपति मुखर्जी को मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया जाना है। मुखर्जी पश्चिम एशिया के तीन राष्ट्रों की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दूसरे चरण में फिलिस्तीन में होंगे। इस चरण में वह इस्राइल भी जाएंगे।
इससे पहले रविवार को उनकी जॉर्डन यात्रा मुकम्मल हुई थी। वहां युनिवर्सिटी ऑफ जार्डन ने भारत के अवाम और मानवता की 50 साल मिसाली सेवा के लिए राष्ट्रपति को राजनीति शास्त्र में डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया था।
राष्ट्रपति रविवार को अल-कुद्स युनिवर्सिटी के अत्याधुनिक इंन्फॉर्मेशन टेक्नोलोजी सेंटर का उद्घाटन करने वाले हैं और चार संचार प्रणालियां इसका अत्यंत अहम हिस्सा हैं।
बेन गुरियान एयरपोर्ट पर अटकी पड़ी हैं संचार प्रणालियां
इस्राइल के कस्टम विभाग ने 30 कंप्यूटरों को ले जाने की इजाजत दे दी, जो अश्दोद बंदरगाह पर फंसे पड़े थे, लेकिन संचार प्रणालियां बेन गुरियान हवाई अड्डे पर ही अटकी हुई हैं और इसकी संभावना कम ही है कि उसे आईटी सेंटर ले जाने की इजाजत मिले।
यरुशलम में अधिकारियों ने कहा कि कस्टम विभाग से मंजूरी मिलने के बाद कंप्यूटर अब ले जाया जा रहा है और मुखर्जी द्वारा उद्घाटन किए जाने से पहले सेंटर पहुंच जाएंगे।
इस्राइल ने दी कानून की दुहाई
इस बीच, इस्राइली सूत्रों ने यह कहते हुए इन विवादों को ज्यादा तरजीह नहीं दी कि संचार प्रणालियों को अल-कुद्स युनिवर्सिटी में ले जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती, क्योंकि कानून इसकी इजाजत नहीं देता।
इस्राइली सूत्रों ने कहा, 'जिस तरह भारतीय कानून अपनी सरजमीन में सैटेलाइट फोन ले जाने की इजाजत नहीं देते, संचार प्रणालियों से संबंधित आवृत्ति (फ्रिक्वेंसी) के साथ तकनीकी मुद्दे हैं जो हमारी कानूनी जरूरत पर खरा नहीं उतरते।'
राष्ट्रपति के अल अक्सा मस्जिद जाने पर भी विवाद
राष्ट्रपति के अल अक्सा मस्जिद जाने के कार्यक्रम पर बहु प्रचारित इस्राइली आपत्ति के बाद यह नया विवाद सामने आया है। फिलिस्तीनियों के शैक्षिक समर्थन एवं सहयोग में भारत हमेशा अग्रणी साझेदार रहा है।
इस्राइल ने टेंपल माउंट या हरम अल-शरीफ के परिसर में स्थित इस्लाम के तीसरे सबसे मुकद्दस स्थल अल अक्सा मस्जिद पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बाद पिछले सितंबर माह से वहां झड़पें चल रही हैं और अल कुद्स युनिवर्सिटी इसकी जद में आ चुकी है।
अल-कुद्स युनिवर्सिटी में राष्ट्रपति मुखर्जी को मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया जाना है। मुखर्जी पश्चिम एशिया के तीन राष्ट्रों की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दूसरे चरण में फिलिस्तीन में होंगे। इस चरण में वह इस्राइल भी जाएंगे।
इससे पहले रविवार को उनकी जॉर्डन यात्रा मुकम्मल हुई थी। वहां युनिवर्सिटी ऑफ जार्डन ने भारत के अवाम और मानवता की 50 साल मिसाली सेवा के लिए राष्ट्रपति को राजनीति शास्त्र में डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया था।
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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, फिलिस्तीन, फिलिस्तीनी यूनिवर्सिटी, अल-कुद्स युनिवर्सिटी, इस्राइल, Pranab Mukerjee, Palestine, Al Kudus University, Israel