बांग्लादेशी पुलिसकर्मियों की फाइल तस्वीर
ढाका:
इस्लामिक स्टेट ने दावा किया कि बांग्लादेश में भारत की सीमा से सटे एक मंदिर में बंदूक और चाकू से एक मुख्य पुजारी की नृशंस हत्या हिंदुओं के खिलाफ इस दुर्दांत संगठन का पहला हमला है। धार्मिक अल्पसंख्यक हिंदुओं पर ऐसे सिलसिलेवार हमलों के बीच यह दावा किया गया है।
रविवार को सोनापोता गांव में 50-वर्षीय जनेश्वर रॉय की हत्या के तरीके के बारे में अमेरिका स्थित निजी साइट इंटेलिजेंस ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है। यहां से करीब 494 किलोमीटर दूर उत्तरी पंचागढ़ जिले के देवीगंज उपजिला में हुए इस हमले में दो श्रद्धालु भी घायल हो गए थे। आईएस के बयान में कहा गया है कि एक सुरक्षा अभियान में खिलाफत के सैनिकों ने देवीगंज मंदिर के संस्थापक और प्रमुख पुजारी को खत्म कर दिया है।
इसने कहा है कि उत्तरी बांग्लादेश के पंचगढ़ इलाके में हथियारों से निशाना बनाए जाने पर उनका एक साथी भी हताहत हुआ है। ऑनलाइन जिहादी गतिविधियों पर नजर रखने वाले समूह ने कहा कि आईएस से जुड़े अमाक न्यूज एजेंसी की एक विज्ञप्ति में आईएसआईएस ने जिम्मेदारी का दावा किया है। दावे की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं की जा सकती है।
रॉय ने वर्ष 1998 में इस मंदिर की स्थापना की थी और तब से इसके मुख्य पुजारी के तौर पर काम कर रहे थे। हिंदू पुजारी पर हमले का यह पहला और पिछले छह माह में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले का यह पांचवां मामला है।
हालांकि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शुरुआती जांच में यह बात निकल कर सामने आई है कि प्रतिबंधित जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश और दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी का संबंध इस हत्या से हो सकता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
रविवार को सोनापोता गांव में 50-वर्षीय जनेश्वर रॉय की हत्या के तरीके के बारे में अमेरिका स्थित निजी साइट इंटेलिजेंस ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है। यहां से करीब 494 किलोमीटर दूर उत्तरी पंचागढ़ जिले के देवीगंज उपजिला में हुए इस हमले में दो श्रद्धालु भी घायल हो गए थे। आईएस के बयान में कहा गया है कि एक सुरक्षा अभियान में खिलाफत के सैनिकों ने देवीगंज मंदिर के संस्थापक और प्रमुख पुजारी को खत्म कर दिया है।
इसने कहा है कि उत्तरी बांग्लादेश के पंचगढ़ इलाके में हथियारों से निशाना बनाए जाने पर उनका एक साथी भी हताहत हुआ है। ऑनलाइन जिहादी गतिविधियों पर नजर रखने वाले समूह ने कहा कि आईएस से जुड़े अमाक न्यूज एजेंसी की एक विज्ञप्ति में आईएसआईएस ने जिम्मेदारी का दावा किया है। दावे की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं की जा सकती है।
रॉय ने वर्ष 1998 में इस मंदिर की स्थापना की थी और तब से इसके मुख्य पुजारी के तौर पर काम कर रहे थे। हिंदू पुजारी पर हमले का यह पहला और पिछले छह माह में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले का यह पांचवां मामला है।
हालांकि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शुरुआती जांच में यह बात निकल कर सामने आई है कि प्रतिबंधित जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश और दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी का संबंध इस हत्या से हो सकता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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