
व्हाट्सएप, आज दुनिया में एक ऐसा मीडियम बन गया है जो मीलों दूर बैठे किसी अपने का हाल बस कुछ ही सेकेंड्स में आपको बता सकता है. यह इंस्टेंट मैसेज सर्विस तो जंग जैसी स्थिति में और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब किसी अपने को कुछ ही मिनटों में हाल-चाल पता लग जाता है. लेकिन ईरान ने देश में इस पर बैन लगा दिया है. इजरायल के साथ जारी जंग के बीच ही ईरान ने अपने नागरिकों को आदेश दिया है कि वो व्हाट्सएप को तुरंत डिलीट कर दें. ईरान का नागरिकों को दिया गया यह आदेश व्हाट्सएप को परेशान कर रहा है.
एप को डिलीट करने की अपील
सरकारी टेलीविजन आईआरआईबी ने मंगलवार को ईरानी नागरिकों से फोन से व्हाट्सएप को डिलीट करने की अपील की है. व्हाट्सएप पर ईरान ने आरोप लगाया है कि आरोप लगाया गया कि ऐप, यूजर्स के पर्सनल डेटा और 'लास्ट नोन लोकेशंस और कम्युनिकेशन' कलेक्ट करके उन्हें इजरायल के साथ शेयर कर रहा है. बुधवार को, इजरायल और ईरान के बीच लगातार छठे दिन गोलीबारी हुई, जिसमें इजरायल ने कहा कि उसने तेहरान के पास एक परमाणु स्थल पर हमला किया है.
लोकेशंस को ट्रैक कर रहा व्हाट्सएप
व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने आईआरआईबी के दावों को खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि ऐप पर भेजे गए सभी संदेश 'एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड' थे. सिर्फ सेंडर्स और रिसीवर्स ही उन्हें एक्सेस कर सकते थे. प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी एएफपी से कहा, 'हमें चिंता है कि ये झूठी रिपोर्ट्स हमारी सर्विसेज को ब्लॉक करने का बहाना होंगी और वह भी ऐसे समय में जब लोगों को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है. व्हाट्सएप का कहना है कि वह यूजर्स की रियल टाइम लोकेशंस को ट्रैक नहीं करता है. न ही वह इस बात का लॉग रखता है कि कौन किसको क्या मैसेज भेज रहा है.
व्हाट्सएप ने किया इनकार
व्हाट्सएप ने ईरान के उस आरोप को इनकार कर दिया है कि वह इजरायल या किसी और किसी सरकार के साथ डेटा शेयर कर रहा है. मेटा कंपनी व्हाट्सएप के अलावा टेलीग्राम पर भी गाज गिरी है. तेहरान ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि वह जब तक इजरायल के साथ संघर्ष जारी है तब तक इंटरनेट को भी अस्थायी तौर पर बैन कर रहा है. तब से कई साइट्स और एप्स को एक्सेस करने में लोगों को मुश्किलें आ रही हैं.
ईरान के अधिकारियों ने मंगलवार को जनता से 'इंटरनेट से जुड़े डिवाइसेज का प्रयोग कम से कम करने और ऑनलाइन सावधानी बरतने' की अपील की है. ईरान ने अपनी सुरक्षा के लिए, सिविल सर्वेंट्स और उनकी सिक्योरिटी टीम को इजरायल के हवाई हमले के दौरान स्मार्टफोन, घड़ियों और लैपटॉप समेत किसी भी कनेक्टेड डिवाइस का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है.
इससे पहले 2022 में महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद जब ईरान में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. उस समय भी ईरान के अधिकारियों ने व्हाट्सएप सहित कई ऐप और ऑनलाइन सर्विसेज को ब्लॉक कर दिया था.
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