जालंधर:
इंडोनेशिया में मादक पदार्थ की तस्करी के सिलसिले में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह की पत्नी कुलविंदर कौर ने उसे वापस भारत लाए जाने की सरकार से मांग करते हुए शुक्रवार को यहां कहा कि उसके बच्चों की किस्मत कहें या केंद्र सरकार और मीडिया का अथक प्रयास कि एकदम 'अंतिम क्षणों' में उसके पति की जान बख्श दी गई है और उन्हें वापस जेल भेजा रहा है। कुलविंदर की आंखों में खुशी के आंसू थे।
ऐसे रूकी अंतिम क्षणों में मौत की सजा
कुलविंदर ने कहा, 'आज सुबह दो बार मेरी उनसे (गुरदीप) से बात हुई। बातचीत में उन्होंने बताया कि वह ठीक है। उसके सामने ही चार लोगों को गोली मारी गई है, लेकिन जो लोग बच गए हैं, उनमें वह भी शामिल हैं। उसे भी गोली मारे जाने की सभी तैयारियां पूरी हो गई थीं और एकदम अंतिम क्षणों में उसकी मौत टल गई।' गुरदीप सिंह के हवाले से कुलविंदर ने कहा, 'शव उठाने वाली गाड़ी भी आ गई थी। पुजारी भी बुला लिया गया था। पांच मिनट से भी कम समय बाकी था। अचानक मौके पर एक व्यक्ति आया। उसने कोई कागज वहां के मुख्य अधिकारी को दिया। उसके बाद मेरी मौत टाल दी गई। अब मुझे वापस उसी जेल में भेजा जा रहा है, जहां से मुझे गोली मारने के लिए यहां लाया गया था।'
(ये भी पढ़ें- गुरदीप सिंह को इंडोनेशिया में नहीं दी गई फांसी, सुषमा स्वराज ने की पुष्टि)
पत्नी ने किया, भगवान, सरकार और मीडिया का शुक्रिया...
उन्होंने कहा, 'सबसे पहले भगवान का शुक्रिया। सरकार और मीडिया का भी शुक्रिया। इन्हीं की बदौलत मेरे पति की मौत की सजा फिलहाल टल गई है और मुझे भरोसा है कि सरकार के प्रयास से अब वह जल्दी अपने वतन लौट आएंगे।'
गुरदीप सिंह ने वतन वापसी की जताई इच्छा
गुरदीप ने कहा, 'यह सब सरकार की बदौलत हुआ है। तुम सरकार से अपील करो कि वह मुझे वतन वापस बुला ले। मैं अब यहां नहीं रहना चाहता हूं। तुमसे, परिवार से और अपने बच्चों से मिलना चाहता हूं। बाकी बात मैं दूसरे दिन करूंगा।' कुलविंदर ने कहा, 'विदेश मंत्री सुषमा स्वराज लगातार मुझसे बातचीत कर रही हैं और उन्होंने कल आश्वासन भी दिया था कि गुरदीप को बचाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। मेरी अब सुषमा जी और सरकार से अपील है कि मेरे पति को वापस बुलाकर मेरी मदद करें।'
मेरे पति को फंसाया गया है : कुलविंदर
यह पूछे जाने पर कि क्या उसके पति ने मादक पदार्थ की तस्करी की होगी, कुलविंदर ने कहा, 'देखिए, मुझे नहीं पता। अगर वहां की हुकूमत कहती है कि उन्होंने ऐसा किया है तो उन्हें यह भी देखना चाहिए कि किन हालात में उन्होंने ऐसा किया होगा। उन्हें फंसाया गया है। उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था। अगर उन्होंने ऐसा किया है तो वह वर्षों से जेल में हैं। उनके किए की यह बहुत बड़ी सजा है जो उन्हें मिल चुकी है। इसलिए वहां की सरकार को उन्हें अब माफ कर वापस भारत भेज देना चाहिए।' उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले गुरदीप के विदेश जाने के बाद कुलविंदर, बेटी मंजोत कौर तथा बेटा सुखबीर सिंह के साथ अपने मायके नकोदर आ गई थी। तब से वह वहीं रह रही हैं और उनके पिता के साथ-साथ, ससुराल वाले भी उनकी मदद करते हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ऐसे रूकी अंतिम क्षणों में मौत की सजा
कुलविंदर ने कहा, 'आज सुबह दो बार मेरी उनसे (गुरदीप) से बात हुई। बातचीत में उन्होंने बताया कि वह ठीक है। उसके सामने ही चार लोगों को गोली मारी गई है, लेकिन जो लोग बच गए हैं, उनमें वह भी शामिल हैं। उसे भी गोली मारे जाने की सभी तैयारियां पूरी हो गई थीं और एकदम अंतिम क्षणों में उसकी मौत टल गई।' गुरदीप सिंह के हवाले से कुलविंदर ने कहा, 'शव उठाने वाली गाड़ी भी आ गई थी। पुजारी भी बुला लिया गया था। पांच मिनट से भी कम समय बाकी था। अचानक मौके पर एक व्यक्ति आया। उसने कोई कागज वहां के मुख्य अधिकारी को दिया। उसके बाद मेरी मौत टाल दी गई। अब मुझे वापस उसी जेल में भेजा जा रहा है, जहां से मुझे गोली मारने के लिए यहां लाया गया था।'
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पत्नी ने किया, भगवान, सरकार और मीडिया का शुक्रिया...
उन्होंने कहा, 'सबसे पहले भगवान का शुक्रिया। सरकार और मीडिया का भी शुक्रिया। इन्हीं की बदौलत मेरे पति की मौत की सजा फिलहाल टल गई है और मुझे भरोसा है कि सरकार के प्रयास से अब वह जल्दी अपने वतन लौट आएंगे।'
गुरदीप सिंह ने वतन वापसी की जताई इच्छा
गुरदीप ने कहा, 'यह सब सरकार की बदौलत हुआ है। तुम सरकार से अपील करो कि वह मुझे वतन वापस बुला ले। मैं अब यहां नहीं रहना चाहता हूं। तुमसे, परिवार से और अपने बच्चों से मिलना चाहता हूं। बाकी बात मैं दूसरे दिन करूंगा।' कुलविंदर ने कहा, 'विदेश मंत्री सुषमा स्वराज लगातार मुझसे बातचीत कर रही हैं और उन्होंने कल आश्वासन भी दिया था कि गुरदीप को बचाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। मेरी अब सुषमा जी और सरकार से अपील है कि मेरे पति को वापस बुलाकर मेरी मदद करें।'
मेरे पति को फंसाया गया है : कुलविंदर
यह पूछे जाने पर कि क्या उसके पति ने मादक पदार्थ की तस्करी की होगी, कुलविंदर ने कहा, 'देखिए, मुझे नहीं पता। अगर वहां की हुकूमत कहती है कि उन्होंने ऐसा किया है तो उन्हें यह भी देखना चाहिए कि किन हालात में उन्होंने ऐसा किया होगा। उन्हें फंसाया गया है। उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था। अगर उन्होंने ऐसा किया है तो वह वर्षों से जेल में हैं। उनके किए की यह बहुत बड़ी सजा है जो उन्हें मिल चुकी है। इसलिए वहां की सरकार को उन्हें अब माफ कर वापस भारत भेज देना चाहिए।' उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले गुरदीप के विदेश जाने के बाद कुलविंदर, बेटी मंजोत कौर तथा बेटा सुखबीर सिंह के साथ अपने मायके नकोदर आ गई थी। तब से वह वहीं रह रही हैं और उनके पिता के साथ-साथ, ससुराल वाले भी उनकी मदद करते हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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