ढाका:
भारत और बांग्लादेश ने शनिवार को 4,156 किलोमीटर लम्बी अपनी अंतर्राष्ट्रीय सीमा को अंतिम रूप दिया और नक्शों पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही दशकों से चल रहा सीमा विवाद सुलझ गया। समाचार पत्र 'डेली स्टार' में प्रकाशित रपट के अनुसार, भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के छह एवं सात सितम्बर को होने वाले बांग्लादेश दौरे से पूर्व नक्शे पर हस्ताक्षर सम्बंधी बैठक ढाका स्थित भूमि अभिलेख एवं सर्वेक्षण विभाग में हुई जिसमें दोनों देशों के उच्चस्तरीय अधिकारी मौजूद थे। भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त तारिक अहमद करीम एवं बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त राजीत मित्तर ने 1,149 नक्शों पर हस्ताक्षर किए। सीमा निर्धारण दल के प्रमुख एवं संयुक्त गृह सचिव (राजनीतिक) कमाल उद्दीन अहमद ने कहा कि इनमें से आधे नक्शे बांग्लादेश में बनाए गए और शेष भारत में तैयार किए गए। बीडी न्यूज 24 डॉट कॉम के मुताबिक अहमद ने कहा, "दोनों देशों के प्रतिनिधियों द्वारा जांच के बाद नक्शों को अंतिम रूप दिया गया।" अहमद ने कहा कि दोनों देशों के उच्चायुक्त अब प्रत्येक नक्शे की आठ प्रतियों पर हस्ताक्षर करेंगे। मौजूदा सीमा को हालांकि दोनों देशों से मान्यता मिली हुई है, फिर भी नक्शों पर हस्ताक्षर हो जाने से यह कानूनी तौर पर पुख्ता हो जाएगी। रपट में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच 6.5 किलोमीटर लम्बी पट्टी का सीमांकन होना अभी बाकी है। अहमद ने कहा कि दोनों देशों के प्रतिनिधि इस हिस्से के नक्शों को जल्द ही अंतिम रूप देंगे। उल्लेखनीय है कि भारत और पूर्वी पाकिस्तान के बीच सीमांकन 1947 में शुरू हुआ था। सीमांकन के प्रारम्भिक मसौदे पर 1956 में हस्ताक्षर किए गए थे। बाद में यह प्रक्रिया बंद कर दी गई थी। भारत के 111 क्षेत्र फिलहाल बांग्लादेश के अधीन है जिसमें 37000 लोग रहते हैं। इसी तरह बांग्लादेश के 51 क्षेत्र भारत में पड़ते हैं जिसमें 14000 लोग रहते हैं।
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भारत, बांग्लादेश, सीमा, विवाद