दुबई:
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ओमान में हर छठे दिन एक भारतीय आत्महत्या करता है।
टाइम्स ऑफ ओमान ने मस्कट स्थित भारतीय दूतावास से मिले आंकड़ों को आधार बनाते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल की शुरूआत से लेकर मध्य अप्रैल तक के समय में 23 भारतीयों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में आत्महत्या की। जनवरी और फरवरी दोनों में से से प्रत्येक महीने में आठ भारतीयों ने आत्महत्या की, वहीं मार्च में चार लोगों ने अपनी जान ले ली। मध्य अप्रैल तक तीन लोगों ने आत्महत्या की।
पिछले हफ्ते रूवी क्षेत्र में तीन बच्चों की मां, एक भारतीय महिला को उसके फ्लैट में छत से फांसी लगाकर लटका पाया गया था। रिपोर्ट के अनुसार 2010 में 50 भारतीयों ने आत्महत्या की, वहीं 2011 में इनकी संख्या बढ़कर 54 हो गई।
मनोविज्ञानियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे चिंतनीय घटनाक्रम बताया है। मनोविज्ञानियों के अनुसार इन आत्महत्याओं का कारण वित्तीय समस्याएं या व्यक्तिगत मुद्दे जैसे अवसाद, पारस्परिक संघर्ष आदि हैं। कई भारतीय सामाजिक और आध्यात्मिक समूह इस तरह की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।
इंडियन सोशल क्लब वेलफेयर के सचिव पी एम जबीर ने कहा, ‘‘इनमें से कई लोग अपने घर परिवार और रिश्तेदार से दूर रहते हैं जिसकी वजह से वह एकाकीपन और तनाव से ग्रस्त हो जाते हैं। साथ ही घर की जिम्मेदारी को लेकर उनपर वित्तीय दबाव भी होगा। इस वजह से इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं।’’
टाइम्स ऑफ ओमान ने मस्कट स्थित भारतीय दूतावास से मिले आंकड़ों को आधार बनाते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल की शुरूआत से लेकर मध्य अप्रैल तक के समय में 23 भारतीयों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में आत्महत्या की। जनवरी और फरवरी दोनों में से से प्रत्येक महीने में आठ भारतीयों ने आत्महत्या की, वहीं मार्च में चार लोगों ने अपनी जान ले ली। मध्य अप्रैल तक तीन लोगों ने आत्महत्या की।
पिछले हफ्ते रूवी क्षेत्र में तीन बच्चों की मां, एक भारतीय महिला को उसके फ्लैट में छत से फांसी लगाकर लटका पाया गया था। रिपोर्ट के अनुसार 2010 में 50 भारतीयों ने आत्महत्या की, वहीं 2011 में इनकी संख्या बढ़कर 54 हो गई।
मनोविज्ञानियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे चिंतनीय घटनाक्रम बताया है। मनोविज्ञानियों के अनुसार इन आत्महत्याओं का कारण वित्तीय समस्याएं या व्यक्तिगत मुद्दे जैसे अवसाद, पारस्परिक संघर्ष आदि हैं। कई भारतीय सामाजिक और आध्यात्मिक समूह इस तरह की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।
इंडियन सोशल क्लब वेलफेयर के सचिव पी एम जबीर ने कहा, ‘‘इनमें से कई लोग अपने घर परिवार और रिश्तेदार से दूर रहते हैं जिसकी वजह से वह एकाकीपन और तनाव से ग्रस्त हो जाते हैं। साथ ही घर की जिम्मेदारी को लेकर उनपर वित्तीय दबाव भी होगा। इस वजह से इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं।’’
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