काबुल:
अफगानिस्तान में रहने वाली भारतीय मूल की लेखिका सुष्मिता बनर्जी की गुरुवार को उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई। वह अफगानिस्तान के पकतिका सूबे की राजधानी खराना में रहती थीं। उनके पति अफगान मूल के हैं और कारोबारी हैं।
तालिबान के चंगुल से बच निकलने के बारे में अपनी एक किताब से उनको बहुत नाम मिला था। 2003 में इस किताब पर फिल्म भी बनी।
सुष्मिता अपने पति के साथ रहने के लिए हाल ही में अफगानिस्तान लौटी थीं। वह आजकल स्वास्थ्य कार्यकर्ता की तरह काम कर रही थीं।
पुलिस के मुताबिक आज कुछ आतंकवादी उनके घर आए। उनके पति और दूसरे लोगों को बांध दिया और उनको पकड़कर बाहर ले गए और गोली मार दी। पुलिस का कहना है कि वह सुष्मिता के शव को एक मदरसे के पास फेंक गए। अब तक किसी आतंकवादी संगठन ने उनकी हत्या की ज़िम्मेदारी नहीं ली है।
तालिबान के चंगुल से बच निकलने के बारे में अपनी एक किताब से उनको बहुत नाम मिला था। 2003 में इस किताब पर फिल्म भी बनी।
सुष्मिता अपने पति के साथ रहने के लिए हाल ही में अफगानिस्तान लौटी थीं। वह आजकल स्वास्थ्य कार्यकर्ता की तरह काम कर रही थीं।
पुलिस के मुताबिक आज कुछ आतंकवादी उनके घर आए। उनके पति और दूसरे लोगों को बांध दिया और उनको पकड़कर बाहर ले गए और गोली मार दी। पुलिस का कहना है कि वह सुष्मिता के शव को एक मदरसे के पास फेंक गए। अब तक किसी आतंकवादी संगठन ने उनकी हत्या की ज़िम्मेदारी नहीं ली है।
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