वेलिंग्टन:
न्यूजीलैंड की रग्बी टीम को पिछले पांच वर्षों में पहली खिताबी जीत दिलाने वाले भारतीय मूल के कोच राहुल दास को न्यूजीलैंड का 'पर्सनॉलिटी ऑफ दि ईयर' के खिताब से नवाजा गया।
समाचार पत्र 'ओटेगो डेली टाइम्स' में बुधवार को प्रकाशित रपट के अनुसार, ऑकलैंड में जन्मे राहुल दास के परिजन भारतीय मूल के फिजी नागरिक रहे हैं।
राहुल को इसी सप्ताह डुनेडिन रग्बी पुरुस्कार समारोह में इस खिताब से सम्मानित किया गया।
मेडिकल में शिक्षा ले रहे राहुल चौथे वर्ष के छात्र हैं और अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर रग्बी टीम को प्रशिक्षण देते हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि मैं रग्बी में कैसे आया। मैं सिर्फ शुरू से न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय रग्बी टीम को खेलते हुए देखता रहा हूं।"
राहुल 18 साल की उम्र में अपने स्कूल और एक सोशल क्लब के लिए रग्बी खेलते रहे हैं। लेकिन चोटिल होने के बाद उन्होंने 20 साल की उम्र में ही रग्बी खेलना बंद कर दिया।
हालांकि प्रशिक्षक के तौर पर वह रग्बी से जुड़े रहे और यूनिवर्सिटी महिला टीम को प्रशिक्षण देना शुरू किया।
समाचार पत्र 'ओटेगो डेली टाइम्स' में बुधवार को प्रकाशित रपट के अनुसार, ऑकलैंड में जन्मे राहुल दास के परिजन भारतीय मूल के फिजी नागरिक रहे हैं।
राहुल को इसी सप्ताह डुनेडिन रग्बी पुरुस्कार समारोह में इस खिताब से सम्मानित किया गया।
मेडिकल में शिक्षा ले रहे राहुल चौथे वर्ष के छात्र हैं और अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर रग्बी टीम को प्रशिक्षण देते हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि मैं रग्बी में कैसे आया। मैं सिर्फ शुरू से न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय रग्बी टीम को खेलते हुए देखता रहा हूं।"
राहुल 18 साल की उम्र में अपने स्कूल और एक सोशल क्लब के लिए रग्बी खेलते रहे हैं। लेकिन चोटिल होने के बाद उन्होंने 20 साल की उम्र में ही रग्बी खेलना बंद कर दिया।
हालांकि प्रशिक्षक के तौर पर वह रग्बी से जुड़े रहे और यूनिवर्सिटी महिला टीम को प्रशिक्षण देना शुरू किया।
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