मैसाचुसेट्स कॉलेज में भारतीय मूल के एक प्रोफेसर को उनके फेसबुक पोस्ट के लिए बर्खास्त कर दिया गया. प्रोफेसर ने फेसबुक पर लिखा कि ईरान को बम हमले करने के लिए 52 अमेरिकी ठिकानों को चुन लेना चाहिए. प्रोफेसर आशीन फांसे ने हालांकि कहा कि उनके मजाक को गलत ढंग से लिया गया.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में ट्वीट किया था कि अमेरिका के निशाने पर ईरान के 52 सांस्कृतिक स्थल है. उन्होंने तेहरान को हमला नहीं करने की चेतावनी दी थी.
अपनी फेसबुक पोस्ट में आशीन ने सुझाव दिया कि ईरान के सर्वोच्च नेता ऐसा ही कर सकते हैं.
आशीन ने पिछले सप्ताह अपने फेसबुक पृष्ठ पर लिखा, ‘‘अयोतुल्ला अली खुमैनी को अमेरिका के 52 सांस्कृतिक स्थलों की एक सूची ट्वीट करनी चाहिए. इनमें ..यूएम... मॉल ऑफ अमेरिका या अमेरिकन सेलेब्रिटी किम कार्दाशियां का आवास शामिल होना चाहिए.''
द न्यूयार्क टाइम्स की एक खबर के अनुसार आशीन के वकील जेफरी पाइल ने कहा कि उनके पोस्ट के बारे में कुछ हंगामा हुआ.
पाइल ने द न्यूयार्क टाइस्म की रिपोर्ट में कहा, ‘‘आशीन का जन्म अमेरिका में हुआ. वह दक्षिण एशियाई मूल का है. कुछ लोगों ने समझ लिया कि उनका मुवक्किल ईरानी या पश्चिम एशिया से है. मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है बैबसॉन कॉलेज उनका बचाव नहीं कर सका.''
इस बीच कॉलेज ने कहा कि आशीन को इसलिए निकाला गया क्योंकि उनका ‘‘व्यक्तिगत फेसबुक पृष्ठ कॉलेज के मूल्यों और संस्कृति का प्रतिनिधित्व नहीं करता है.''
आशीन ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि वह ‘‘निराश और दुखी'' है कि कॉलेज ने 15 वर्षों की सेवा को समाप्त करने का केवल इसलिए फैसला किया कि, ‘‘कुछ लोगों ने मजाक को गलत ढंग से समझ लिया.''
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