अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी
वाशिंगटन:
भारत की ठोस अर्थव्यवस्था द्वारा नए मौके पैदा किए जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-अमेरिका के आर्थिक रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की कवायद के तहत कहा कि भारत अमेरिकी कारोबारी संस्थानों के लिए एक 'आदर्श साझेदार' हो सकता है।
अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'भारत के आगे बढ़ने के पथ पर हर क्षेत्र में मैं अमेरिका को एक अपरिहार्य साझेदार के तौर पर देखता हूं। आप में से कई यह मानते हैं कि एक मजबूत और समृद्ध भारत अमेरिका के सामरिक हित में है। आइए, अपने साझा आदशरें को व्यावहारिक सहयोग में बदलने के लिए मिलकर काम करें। पीएम मोदी ने कहा कि सालाना 7.6 फीसदी की वृद्धि दर के साथ भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था आपसी समृद्धि के लिए नए मौके पैदा कर रही है।
उन्होंने कहा कि भारत में बदलाव ला रही अमेरिकी प्रौद्योगिकियां और अमेरिका में भारतीय कंपनियों का बढ़ता निवेश, इन दोनों का दोनों देशों के नागरिकों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, इस बात में कोई शक नहीं कि रिश्तों को बेहतर बनाने से दोनों देशों को बहुत फायदा होगा। अमेरिकी कारोबार आर्थिक वृद्धि के नए क्षेत्रों की तलाश में हैं, अपने सामानों के लिए बाजार की तलाश में हैं, कुशल संसाधनों की तलाश में हैं और उत्पादन एवं विनिर्माण के वैश्विक स्थानों की तलाश में हैं, ऐसे में भारत एक आदर्श साझेदार हो सकता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'भारत के आगे बढ़ने के पथ पर हर क्षेत्र में मैं अमेरिका को एक अपरिहार्य साझेदार के तौर पर देखता हूं। आप में से कई यह मानते हैं कि एक मजबूत और समृद्ध भारत अमेरिका के सामरिक हित में है। आइए, अपने साझा आदशरें को व्यावहारिक सहयोग में बदलने के लिए मिलकर काम करें। पीएम मोदी ने कहा कि सालाना 7.6 फीसदी की वृद्धि दर के साथ भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था आपसी समृद्धि के लिए नए मौके पैदा कर रही है।
उन्होंने कहा कि भारत में बदलाव ला रही अमेरिकी प्रौद्योगिकियां और अमेरिका में भारतीय कंपनियों का बढ़ता निवेश, इन दोनों का दोनों देशों के नागरिकों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, इस बात में कोई शक नहीं कि रिश्तों को बेहतर बनाने से दोनों देशों को बहुत फायदा होगा। अमेरिकी कारोबार आर्थिक वृद्धि के नए क्षेत्रों की तलाश में हैं, अपने सामानों के लिए बाजार की तलाश में हैं, कुशल संसाधनों की तलाश में हैं और उत्पादन एवं विनिर्माण के वैश्विक स्थानों की तलाश में हैं, ऐसे में भारत एक आदर्श साझेदार हो सकता है।
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