इस्लामाबाद:
क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए इमरान खान पाकिस्तान की सियासी पिच पर कोई बड़ा कमाल दिखाने में उम्मीदों के अनुसार सफल नहीं हो पाए लगते हैं लेकिन उनकी पार्टी ने अशांत खबर पख्तूनख्वा प्रांत में बेहतरीन प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया है जहां वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और सरकार बनाने की ओर अग्रसर है।
देश के ऐतिहासिक आम चुनाव में 60 वर्षीय इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ दूसरे स्थान पर रही है और वह खुद तीन सीटों से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे लेकिन लाहौर में वह चुनाव हार गए हैं।
इमरान ने पंजाब प्रांत में एनए 71 मियांवाली सीट पर 101,000 मतों से जीत हासिल की है। जियो न्यूज ने यह जानकारी दी।
अनधिकृत परिणामों के अनुसार, इसी सीट पर उबैदुल्लाह शादी खेल को 53 हजार वोट मिले और वह दूसरे स्थान पर रहे।
इमरान ने 66,465 मतों के साथ एनए 1, पेशावर 1 सीट पर अवामी नेशनल पार्टी के कद्दावर नेता गुलाम अहमद बिलौर को मात दी जिन्हें 44,210 मत मिले।
हार स्वीकार करते हुए एएनपी नेता ने कहा कि हार जीत तो राजनीति का हिस्सा है। खान ने रावलपिंडी में पीएमएल एन के उम्मीदवार हनीफ अब्बासी के खिलाफ भी जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई।
लेकिन इमरान खान को लाहौर सीट पर करारा झटका लगा जहां वह एनए 122 लाहौर 5 सीट पर पीएमएल एन के उम्मीदवार सरदार अयाज सादिक से हार गए। इमरान को इस सीट पर 61, 300, तो वहीं सादिक को 71,420 वोट मिले हैं।
संसद की 272 सीटों पर हुए चुनाव में से 264 सीटों पर मिले रुझानों से पता चलता है कि पीएमएल 125 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है जबकि इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी काफी पीछे हैं और क्रमश: उनके खाते में 34 और 32 सीटें आ रही हैं। इमरान 2013 के चुनाव में कोई झंडे गाड़ने में विफल रहे हैं जैसा कि उन्होंने चुनाव से पूर्व ऐलान किया था लेकिन नेशनल असेम्बली में अच्छी खासी संख्या में सीट हासिल कर उन्होंने खुद को एक बड़ी ताकत साबित कर दिया है।
इमरान खान ने 1996 में पीटीआई की स्थापना की थी। वर्ष 2000 के चुनाव में उनकी पार्टी ने केवल एक सीट जीती थी। इमरान ने विरोध स्वरूप 2002 में संसद से इस्तीफा दे दिया था और वर्ष 2008 के चुनाव का बहिष्कार किया था।
देश के ऐतिहासिक आम चुनाव में 60 वर्षीय इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ दूसरे स्थान पर रही है और वह खुद तीन सीटों से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे लेकिन लाहौर में वह चुनाव हार गए हैं।
इमरान ने पंजाब प्रांत में एनए 71 मियांवाली सीट पर 101,000 मतों से जीत हासिल की है। जियो न्यूज ने यह जानकारी दी।
अनधिकृत परिणामों के अनुसार, इसी सीट पर उबैदुल्लाह शादी खेल को 53 हजार वोट मिले और वह दूसरे स्थान पर रहे।
इमरान ने 66,465 मतों के साथ एनए 1, पेशावर 1 सीट पर अवामी नेशनल पार्टी के कद्दावर नेता गुलाम अहमद बिलौर को मात दी जिन्हें 44,210 मत मिले।
हार स्वीकार करते हुए एएनपी नेता ने कहा कि हार जीत तो राजनीति का हिस्सा है। खान ने रावलपिंडी में पीएमएल एन के उम्मीदवार हनीफ अब्बासी के खिलाफ भी जीत हासिल की है। मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई।
लेकिन इमरान खान को लाहौर सीट पर करारा झटका लगा जहां वह एनए 122 लाहौर 5 सीट पर पीएमएल एन के उम्मीदवार सरदार अयाज सादिक से हार गए। इमरान को इस सीट पर 61, 300, तो वहीं सादिक को 71,420 वोट मिले हैं।
संसद की 272 सीटों पर हुए चुनाव में से 264 सीटों पर मिले रुझानों से पता चलता है कि पीएमएल 125 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है जबकि इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी काफी पीछे हैं और क्रमश: उनके खाते में 34 और 32 सीटें आ रही हैं। इमरान 2013 के चुनाव में कोई झंडे गाड़ने में विफल रहे हैं जैसा कि उन्होंने चुनाव से पूर्व ऐलान किया था लेकिन नेशनल असेम्बली में अच्छी खासी संख्या में सीट हासिल कर उन्होंने खुद को एक बड़ी ताकत साबित कर दिया है।
इमरान खान ने 1996 में पीटीआई की स्थापना की थी। वर्ष 2000 के चुनाव में उनकी पार्टी ने केवल एक सीट जीती थी। इमरान ने विरोध स्वरूप 2002 में संसद से इस्तीफा दे दिया था और वर्ष 2008 के चुनाव का बहिष्कार किया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं