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This Article is From Feb 28, 2017

कंसास में कुचिभोटला के लिए निकाले गए शांति जुलूस में सैकड़ों लोग हुए शामिल

कंसास में कुचिभोटला के लिए निकाले गए शांति जुलूस में सैकड़ों लोग हुए शामिल
वॉशिंगटन: अमेरिका में नस्ली हिंसा में मारे गए भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला के लिए कंसास में निकाले गए शांति जुलूस और प्रार्थन सभा में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया. समाचार पत्र कंसास सिटी स्टार के मुताबिक, पिछले सप्ताह घृणास्पद अपराध में घायल हुए भारतीय नागरिक आलोक मदसानी ने रविवार को ओलेथ के बॉल कांफ्रेंस सेंटर में आयोजित शांति जुलूस तथा प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया. प्रार्थना सभा का आयोजन इंडिया एसोसिएशन ऑफ कंसास सिटी ने किया. मदसानी ने कहा, "काश! वह एक सपना होता."

उल्लेखनीय है कि कंसास के ओलेथ में ऑस्टिंस बार एंड ग्रील में एक पूर्व अमेरिकी नौसैनिक एडम डब्ल्यू परिंटन ने गोली मारकर इंजीनियर कुचिभोटला (32) की हत्या कर दी थी और आलोक रेड्डी मदसानी (32) को घायल कर दिया था. मामले में बीच-बचाव करने आया एक अमेरिकी नागरिक ईयान ग्रिलोट (24) भी घायल हो गया था, जो फिलहाल अस्पताल में है. डब्ल्यू परिंटन (51) पर फर्स्ट डिग्री मर्डर तथा दो बार अटेंप्ट फर्स्ट डिग्री मर्डर का आरोप लगाया गया है.

परिंटन की पीड़ितों से कथित तौर पर बहस हुई थी और उसने नस्ली टिप्पणियां की थीं. उन्हें गोली मारने से पहले वह उन पर चिल्लाया था, 'दफा हो जाओ मेरे देश से', 'आतंकवादी.' मदसानी ने लोगों से कहा, "मैं एक बात पर सचमुच में जोर देना चाहता हूं, मेरी यहां मौजूदगी का सबसे प्रमुख कारण है, मेरे सबसे अच्छे दोस्त श्रीनिवास ने मेरे लिए जो किया." उन्होंने कहा, "वह मेरी जगह पर यहां होता, लेकिन उसकी वजह से अब मैं यहां हूं." कुचिभोटला तथा मदसानी इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण कंपनी गार्मिन में काम करते थे.

मदसानी ने कहा, "उस रात जो हुआ वह एक मूर्खतापूर्ण अपराध था और उसने मेरे दोस्त को मुझसे छीन लिया." उन्होंने कहा, "श्रीनिवास बेहद दयालु व्यक्ति था, जिसके दिल में सबके लिए अगाध प्रेम, करुणा और सहानुभूति थी." मदसानी ने कहा, "उसने कभी नफरत भरा एक शब्द मुंह से नहीं निकाला होगा. उसे हर वक्त दूसरों की फिक्र रहती थी."

ईयान ग्रिलॉट की बहन मैगी ने भी जुलूस तथा प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि उनके भाई ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि यह उसके संस्कार में था. उन्होंने कहा, "मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता आपका रंग क्या है..हर व्यक्ति समान है." प्रार्थना के बाद एक शोक जुलूस निकाला गया.

जुलूस में शामिल लोगों के हाथों में तस्वीरें, बैनर थे तथा वे नारे लगा रहे थे, "हमें शांति से प्रेम है", "हमारे बच्चों को बख्श दो", "एकता समुदाय का हिस्सा है", "हम सब साथ हैं और विभाजन तथा घृणा अपराध का विरोध करते हैं". स्थानीय टेलीविजन चैनल केएसएचबी की एक रपट के मुताबिक, कई लोगों ने अपने हाथों में मोमबत्तियां और तख्तियां ले रखी थीं, जिनमें लिखा था हम 'नफरत की राजनीति का समर्थन नहीं' करते.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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