ताइवान में शनिवार को राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव है. इस चुनाव को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. चुनाव के मद्देनजर ताइवान के रक्षा मंत्रालय (Taiwans Defense Ministry) ने चीन की ओर से हमले की आशंका जताई है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर मंगलवार को एक अलर्ट भी जारी किया. चीन स्व-शासित ताइवान को अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है. वह ताइवान के राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव का विरोध कर रहा है. ताइवान पर चीन के एयर स्ट्राइक (Chine Air Strike) के साथ ही साइबर अटैक (Cyber Attack) का खतरा मंडरा रहा है. लिहाजा इससे बचने के लिए ताइवान ने भी जबरदस्त तैयारी कर ली है.
ताइवान में लाखों लोग ऑफलाइन हो गए हैं. बैंक बंद कर दिए गए हैं. यहां तक कि दुनिया की सबसे एडवांस सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी इस वक्त ठप हो गई है. ताइवान के अधिकारियों और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट का कहना है कि अगर चीन हमले करता है तो वह न सिर्फ सुरक्षा बलों और रक्षा बुनियादी ढांचे तक सीमित रहेगा, बल्कि ताइवान प्रभावी रूप से बाकी दुनिया से अलग कर देगा.
अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया, तो दुनियाभर की मोबाइल और ऑटो इंडस्ट्री में चिप का संकट खड़ा हो जाएगा. दरअसल, दुनिया के 90 प्रतिशत एडवांस सेमी कंडक्टर ताइवान में ही बनाए जाते हैं. पिछले साल ताइवान ने 118 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट सिर्फ सेमी कंडक्टर कैटेगरी में किया था. TSMC यानी ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी दुनिया की सभी बड़ी कंपनियों जैसे एप्पल, एएमडी, एनवीडिया, एआरएम को चिप की सप्लाई करती है.
ताइवान के इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी रिसर्च के साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर क्रिस्टल टू ने कहा, "ताइवान को गुप्त हमलावरों से लगातार खतरे का सामना करना पड़ रहा है. ये हमलावर ताइवान के इंफ्रास्ट्रक्टर के अंदर दाखिल होने के लिए कंप्यूटर नेटवर्क तक पहुंच हासिल कर लेते हैं." क्रिस्टल टू ने न्यूज एजेंसी AFP को बताया कि वे संघर्ष के समय ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं. वो टेलीकम्युनिकेशन, एनर्जी और फाइनेंस स्ट्रक्चर को टारगेट करते हुए साइबर अटैक करते हैं.
ताइवान के अधिकारियों ने कहा है कि सरकारी एजेंसियों को रोजाना अनुमानित रूप से 5 मिलियन साइबर हमलों का सामना करना पड़ता है. साइबर सुरक्षा फर्म फोर्टिनेट ने 2023 की पहली छमाही में साइबर हमलों में 80 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. साइबर अटैक के मामलों में ताइवान एशिया प्रशांत में नंबर एक पोजिशन पर है.
क्रिस्टल टू ने कहा, "ताइवान की ओर साइबर ऑपरेशन वास्तव में कभी नहीं रुकता." उन्होंने बताया, "ताइवानी इंफ्रास्ट्रक्टर के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली कुछ टैक्टिज की पहचान चीन के प्रायोजित समूहों के इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी के रूप में की गई है.
सेमीकंडक्टर हब पर भी खतरा
ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के अध्यक्ष मार्क लियू ने CNN को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि चीन अगर ताइवान पर आक्रमण करता है, तो इससे कंपनी के प्लांट तबाह हो जाएंगे. उन्होंने आगे यह भी जोड़ा कि इस तरह के युद्ध का कोई विजेता नहीं होगा.
ताइवान के उप डिजिटल मंत्री हुआई-जेन ली ने हाल ही में एक इंटरव्यू में AFP को बताया, "चूंकि ताइवान एक द्वीप है. ये बाहरी दुनिया के साथ सभी तरह के कम्युनिकेशन के लिए समुद्र के नीचे केबलों पर निर्भर हैं. सबसे बुरी स्थिति यह है कि हमारे सभी समुद्री केबल काट दिए गए हैं." उन्होंने कहा, "पूरे ताइवान में 700 स्थानों पर सैटेलाइट रिसीवर लगाए जाएंगे, ताकि ये पता लगाया जा सके कि संकट के समय हम कम्युनिकेशन सिस्टम को स्विच कर सकते हैं या नहीं."
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