चीन ने सोमवार को उम्मीद जताई कि तालिबान अफगानिस्तान में ‘‘खुली एवं समग्र'' इस्लामिक सरकार की स्थापना के अपने वादे को निभाएगा और बिना हिंसा एवं आतंकवाद के शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित करेगा. अफगानिस्तान की सरकार गिरने के बाद पहली बार प्रतिक्रिया जताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवाददाताओं से बात करते हुए उम्मीद जताई कि तालिबान सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के वादे को निभाएगा, अफगान नागरिकों और विदेशी राजदूतों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेगा.
अमेरिका समर्थित अफगान सरकार के गिरने के बाद तालिबान के आतंकवादियों ने रविवार को काबुल पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए. इससे अमेरिका एवं इसके सहयोगियों द्वारा युद्धग्रस्त देश में सुधार लाने के दो दशकों का प्रयास भी खत्म हो गया.
अमेरिका, भारत और यूरोपीय संघ सहित काबुल में स्थित अधिकतर दूतावास अपने कर्मचारियों को बाहर निकाल रहे हैं, वहीं हुआ ने कहा कि चीन का दूतावास अपने राजदूत एवं कुछ कर्मचारियों के साथ काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि चीन के अधिकतर नागरिक अफगानिस्तान से बाहर जा चुके हैं. हुआ ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में स्थिति में बड़ा बदलाव आया है. हम अफगानिस्तान के लोगों की इच्छा एवं विकल्प का सम्मान करते हैं.''
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में 40 वर्षों से युद्ध चल रहा है. युद्ध को रोकने और शांति स्थापित करने की चाहत तीन करोड़ अफगान नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय तथा क्षेत्रीय देशों को भी है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने अफगान तालिबान का कल का बयान देखा जिसमें उन्होंने कहा है कि युद्ध खत्म हो गया और वे खुली तथा समग्र इस्लामिक सरकार बनाने के लिए विचार-विमर्श शुरू करेंगे और अफगान नागरिकों तथा विदेशी दूतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेंगे.''
उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण, हिंसा और आतंकवाद को रोकने के लिए लागू किया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि लोग युद्ध से मुक्त हों और अपने नए घर बनाएं.''
विश्लेषकों का मानना है कि चीन नई परिस्थितियों में अफगानिस्तान पर अपनी नीति अपने सहयोगी पाकिस्तान के इशारे पर बनाएगा और तालिबान नीत सरकार बनते ही उसे मान्यता भी दे सकता है.
तालिबान के राजनीतिक आयोग के प्रमुख मुल्ला अब्दुल बरादर के नेतृत्व में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 24 जुलाई को चीनी शहर तियानजिन में बैठक की थी जिस दौरान वांग ने आतंकवादी समूह से कहा था कि वह सभी आतंकवादी संगठनों से अपना नाता तोड़ ले. इसमें ईटीआईएम (ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट) भी शामिल है जो शिनजियांग में उग्रवादी गतिविधियां चला रहा है जहां एक करोड़ उईगुर मुस्लिम रहते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं