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नहीं चली झूठ की दुकान... हिंडनबर्ग के CEO ने कहा- बंद करेंगे कंपनी

अदाणी समूह को निशाना बनाने वाली अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च अब बंद होने जा रही है. कंपनी के संस्थापक नैट एंडरसन ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके दी है.

नहीं चली झूठ की दुकान...  हिंडनबर्ग के CEO ने कहा- बंद करेंगे कंपनी
हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर का भावुक पोस्ट.
दिल्ली:

अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research Shutting Down) , जिसने अदाणी समूह सहित कई व्यावसायिक संस्थाओं को निशाना बनाया था, अब बंद होने जा रही है. इसकी घोषणा खुद इसके संस्थापक नैट एंडरसन ने की है.नैट एंडरसर ने हिंडनबर्ग वेबसाइट पर एक नोट लिखकर कहा है कि मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को खत्म करने का निर्णय लिया है. जिन विचारों पर हम काम कर रहे थे, उन्हें पूरा करने के बाद योजना को बंद करने की योजना है. एंडरसन ने स्पष्ट किया है कि इस फैसले को बंद करने के पीछे कोई विशेष खतरा या व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है.

कंपनी के फाउंडर नैट एंडरसन (Nate Anderson) ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि उन्होंने पिछले साल के अंत से ही अपने परिवार, दोस्तों और अपनी टीम के साथ ये बात शेयर की थी कि इस प्लानिंग के साथ कंपनी को शुरू किया गया था उन विचारों के पूरा होने के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद कर दिया जाएगा. ये पहले ही प्लान किया गया था कि जिन विचारों के लिए वे काम कर रहे हैं, उनके पूरा होने के बाद कंपनी को बंद कर दी जाएगी. पिछले पोंजी मामलों के मुताबिक,  जिन कामों के अभी पूरा किया है उनको विनियामकों के साथ शेयर करने के बाद वो दिन आ गया है. 

"शुरुआत में मैं ये नहीं जानता था..."

हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर ने कहा कि इस कंपनी को बनाना उनका सपना था. शुरुआत में वह ये नहीं जानते थे कि क्या कोई संतोषजनक रास्ता खोजना संभव होगा. यह विकल्प बिल्कुल भी आसान नहीं था. लेकिन वह खतरों से अनजान थे और इसकी तरफ वह आकर्षित होते गए.

 एंडरसन ने कहा कि उन्होंने जब यह काम शुरू किया, तो उनको इस बात पर संदेह था कि क्या वह इसके लिए सक्षम हैं क्यों कि उनके पास इसका ट्रेडिशनल फाइनेंस बैकग्राउंड नहीं था. उनका कोई भी रिश्तेदार इस क्षेत्र में नहीं था. उन्होंने एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की. वह कोई स्लिक सेल्सपर्सन नहीं थे. उनको सही कपड़े पहनने की समझ नहीं. वह गोल्फ़ नहीं खेल सकते और न ही वह कोई सुपरह्यूमन हैं, जो 4 घंटे की नींद लेकर काम कर सकें.

"अच्छा कर्मचारी था, फिर भी अनदेखी हुई"

एंडरसन ने अपने संघर्षों के बारे में बताते हुए कहा कि हालांकि ज़्यादातर नौकरियों में वह एक अच्छे कर्मचारी रहे, लेकिन फिर भी उनकी अनदेखी की जाती रही. इसके बाद उन्होंने हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी शुरू की. लेकिन उस समय उनके पास पैसे नहीं थे. 3 मुकदमे झेलने के बाद उनके पास पैसे नहीं बचे. अगर उनको वर्ल्ड क्लास व्हिसलब्लोअर वकील ब्रायन वुड का समर्थन नहीं मिलता, जिन्होंने उनको वित्तीय संसाधनों की कमी के बावजूद मामले को संभाला, तो वह शुरुआत में ही असफल हो जाते. 

"मेरी टीम काम को लेकर निर्दयी है"

एंडरसन ने बताया कि उन्होंने एक-एक कर और बिना किसी स्पष्ट योजना के 11 अविश्वसनीय लोगों की एक टीम बनाई. उन्होंने हर एक को सिर्फ इसलिए काम पर नहीं रखा क्योंकि उनको कर्मचारियों की ज़रूरत थी, बल्कि इसलिए रखा क्योंकि जब रास्ते मिले और उन्होंने देखा कि वे कौन हैं, तो उनको एहसास हुआ कि उन्हें काम पर न रखना पागलपन होगा. टीम के सभी लोग  स्मार्ट, केंद्रित और काम करने में बढ़िया थे. उनमें बिल्कुल भी अहंकार नहीं था. जब कोई भी उनसे मिलता है तो वे सभी से बहुत अच्छे और विनम्रता से मिलते हैं. लेकिन जब इस क्षेत्र की बात आती है, तो वे निर्दयी होते हैं, जो वर्ल्ड क्लास  काम करने में सक्षम होते हैं. 

एंडरसन ने कहा कि उनकी तरह ही उनकी टीम भी ट्रेडिशनल फायनेंशियल बैकग्राउंड से नहीं थी. उनका पहला कर्मचारी अक्सर खुद को पूर्व बारटेंडर बताता है. उन सभी का नजरिया दुनिया के बारे में एक जैसा है. उनमें बाहरी तौर पर शांत और एक जैसी ज्वलंत अंतर्निहित तीव्रता है. सभी कर्मचारी उनके लिए परिवार के जैसे हैं. सभी ने सटीकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए और सबूतों के आधार पर अपने शब्दों को तय करते हुए बहुत मेहनत की है.

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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