हर्व फैल्सियानी (फोटो सौजन्य : एएफपी)
बेल्लिनजोना:
एचएसबीसी के पूर्व कर्मचारी और सचेतक हर्व फैल्सियानी जिसने 2008 में बैंक में कालाधन से जुड़े कई खातों की जानकारी सार्वजनिक की थी, को शुक्रवार को स्विस अदालत ने पांच साल कैद की सजा सुनाई है। सार्वजनिक किए गए खातों में कुछ खाते भारतीयों के भी थे। सजा के ऐलान के बाद एनडीटीवी से बातचीत में फैल्सियानी ने कहा कि इससे कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। जहां तक संभव होगा पूरा सहयोग करूंगा।
स्विटजरलैंड की बेल्लिनजोना फेडरल क्रिमिनल कोर्ट में हर्व फैल्सियानी पर तीन आरोप लगाए गए थे। इसमें डेटा चोरी, औद्योगिक जासूसी और बैंक की गोपनीयता बरकरार रखने की शर्त को तोड़ना शामिल है। पूरा मुकदमा फैल्सियानी की गैर-मौजूदगी में चला क्योंकि वह इस मुकदमे में मौजूद नहीं रहना चाहते थे।
एचएसबीसी के पूर्व कर्मचारी रहे हैं हर्व फैल्सियानी
उल्लेखनीय है कि छह साल पहले एचएसबीसी के पूर्व कर्मचारी और सचेतक हर्व फैल्सियानी ने गुप्त खातों की एक सूची जारी की थी, जिसमें 600 नाम भारतीयों के थे। हर्व ने तब एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा था कि वह तमाम देशों की मदद कर रहा है और वह भारत की भी मदद करना चाहता है।
सिस्टम इंजीनियर रह चुके हैं हर्व
एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में जिनेवा के एचएसबीसी बैंक में सिस्टम इंजीनियर रह चुके हर्व ने कहा था कि वर्ष 2011 में फ्रांस ने भारत के साथ एचएसबीसी के जिन खातों की जानकारी साझा की थी, वह सिर्फ एक प्रतिशत थी। हर्व का कहना था कि भारत को मात्र दो एमबी (मेगाबाइट) जानकारी ही दी गई थी, जबकि 200 जीबी (गिगाबाइट) का डाटा है। उसका कहना था कि अगर भारत आग्रह करेगा, तब वह जानकारी साझा करेगा। इस घटना के बाद भारत सरकार की ओर से फैल्सियानी से संपर्क किया गया था।
एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले 627 नामों की एक सूची है
दरअसल, भारत सरकार के पास एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले 627 नामों की एक सूची है, जिनके नाम सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए थे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ही काला धन वापस लाने के सरकारी प्रयासों पर निगरानी कर रही है। बता दें कि पिछले वर्ष ही वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी हाल ही में कहा कि सूची में मौजूद लगभग 400 नामों की पहचान हो गई है, और उनमें से 250 ने खाता होने की बात कबूल भी कर ली है।
स्विटजरलैंड की बेल्लिनजोना फेडरल क्रिमिनल कोर्ट में हर्व फैल्सियानी पर तीन आरोप लगाए गए थे। इसमें डेटा चोरी, औद्योगिक जासूसी और बैंक की गोपनीयता बरकरार रखने की शर्त को तोड़ना शामिल है। पूरा मुकदमा फैल्सियानी की गैर-मौजूदगी में चला क्योंकि वह इस मुकदमे में मौजूद नहीं रहना चाहते थे।
एचएसबीसी के पूर्व कर्मचारी रहे हैं हर्व फैल्सियानी
उल्लेखनीय है कि छह साल पहले एचएसबीसी के पूर्व कर्मचारी और सचेतक हर्व फैल्सियानी ने गुप्त खातों की एक सूची जारी की थी, जिसमें 600 नाम भारतीयों के थे। हर्व ने तब एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा था कि वह तमाम देशों की मदद कर रहा है और वह भारत की भी मदद करना चाहता है।
सिस्टम इंजीनियर रह चुके हैं हर्व
एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में जिनेवा के एचएसबीसी बैंक में सिस्टम इंजीनियर रह चुके हर्व ने कहा था कि वर्ष 2011 में फ्रांस ने भारत के साथ एचएसबीसी के जिन खातों की जानकारी साझा की थी, वह सिर्फ एक प्रतिशत थी। हर्व का कहना था कि भारत को मात्र दो एमबी (मेगाबाइट) जानकारी ही दी गई थी, जबकि 200 जीबी (गिगाबाइट) का डाटा है। उसका कहना था कि अगर भारत आग्रह करेगा, तब वह जानकारी साझा करेगा। इस घटना के बाद भारत सरकार की ओर से फैल्सियानी से संपर्क किया गया था।
एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले 627 नामों की एक सूची है
दरअसल, भारत सरकार के पास एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले 627 नामों की एक सूची है, जिनके नाम सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए थे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ही काला धन वापस लाने के सरकारी प्रयासों पर निगरानी कर रही है। बता दें कि पिछले वर्ष ही वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी हाल ही में कहा कि सूची में मौजूद लगभग 400 नामों की पहचान हो गई है, और उनमें से 250 ने खाता होने की बात कबूल भी कर ली है।
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