टाइम पत्रिका ने जर्मनी की चांसलर एंजला मर्केल को 'पर्सन ऑफ दि ईयर-2015' घोषित किया है। पत्रिका ने यूरोप के कर्ज संकट, शरणार्थी और प्रवासी संकट के साथ-साथ यूक्रेन में रूसी हस्तक्षेप के दौरान मर्केल के नेतृत्व की तारीफ की है।
टाइम ने कहा, 'ऐसे वक्त में जब दुनिया के ज्यादातर हिस्से सुरक्षा और स्वतंत्रता के बीच संतुलन पर तीखे वाद-विवाद में उलझे हुए हैं, चांसलर जर्मन लोगों से बहुत कुछ कह रही हैं, और उनके उदाहरण के माध्यम से हम लोगों से भी। स्वागत करने योग्य बनने। निडर बनने। यह यकीन करने कि महान सभ्यताएं आपसे में दीवार नहीं, पुलें बनाती हैं, और लड़ाई युद्ध के मैदान पर और बाहर दोनों की जगह जीती जाती हैं।'
दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं में शामिल 61 वर्षीय मर्केल लगभग तीन दशक में टाइम पत्रिका की पहली महिला पर्सन ऑफ दि ईयर हैं। इस स्थान के लिए मर्केल ने दुनिया के कुछ जाने-माने नेताओं ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, आईएसआईएस प्रमुख अबु बकर अल-बगदादी और अमेरिकी राष्ट्रपति पद की रिपब्लिकन उम्मीदवारी की होड़ में शामिल डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़ा है।
इस खिताब के शुरुआती 58 दावेदारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी और गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचई के नाम भी शामिल थे। पिछले साल भी पीएम मोदी दावेदारों में शामिल थे, हालांकि पत्रिका के संपादकों ने उनको पर्सन ऑफ द ईयर नहीं चुना। उस समय पाठकों के मतदान में मोदी विजेता बने थे। उन्हें कुल पड़े करीब 50 लाख मतों में से 16 फीसदी से अधिक मिले थे।
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