कोरोना संकट से अब तक दुनिया भर में डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. अब तक इसकी शुरुआत को लेकर कोई सही जानकारी दुनिया को नहीं मिल पायी है. अमेरिका सहित कई देशों ने इसे लेकर चीन से सवाल किये थे. अब जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने सोमवार को चीन से कोरोनोवायरस प्रकोप के बारे में अधिक से अधिक पारदर्शी होने का आग्रह किया है. बता दें कि चीन ने पहले कहा था कि यह वायरस मनुष्य में चमदागड़ से पहुंचा था. लेकिन अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आरोप लगाया था कि अभी भी दुनिया को इसे लेकर अधिक जानकारी नहीं है. साथ ही उन्होने भी कहा था कि चीन को इस मामले में दुनिया को बताना चाहिए.
गौरतरब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भी कहा था कि , 'हमने चीन से काफी पहले बात की थी कि वह बताए कि वहां क्या हो रहा है. हम वहां जाना चाहते हैं. हम यह देखना चाहते हैं कि वहां क्या चल रहा है और हमें वहां नहीं बुलाया गया, मैं आपको यह बात बता सकता हूं.' उन्होंने कहा, ‘मैं व्यापार वार्ता से बेहद खुश था, बहुत खुश था और फिर हमें इस प्लेग के बारे में पता चला और मैं तब से खुश नहीं हूं.' अमेरिका ने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की है कि कहीं यह खतरनाक वायरस वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान से तो ‘बाहर' नहीं आया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं