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गाजा में अकाल का सबसे विकराल रूप सामने आ रहा, ग्लोबल हंगर मॉनिटर ने बताया कितनी भयावह है स्थिति

Gaza famine: UN के समर्थन वाले द इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन इनिशिएटिव ने कहा कि गाजा में पैराशूट की मदद से खाने के कुछ सामानों को गिराना "मानवीय आपदा" को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं होगा.

गाजा में अकाल का सबसे विकराल रूप सामने आ रहा, ग्लोबल हंगर मॉनिटर ने बताया कितनी भयावह है स्थिति
Gaza famine: गाजा में अकाल ने लिया विकराल रूप
  • संयुक्त राष्ट्र समर्थित IPC ने गाजा में अकाल की गंभीर स्थिति और हजारों बच्चों में कुपोषण, मौत की चेतावनी दी.
  • गाजा में मानवीय पहुंच के बिना तेजी से बढ़ती भूखमरी और बच्चों की मौतों को रोकना संभव नहीं होगा- IPC
  • अप्रैल से जुलाई के बीच 20 हजार से अधिक बच्चों को गंभीर कुपोषण के इलाज के लिए भर्ती कराया गया.
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संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाले ग्लोबल हंगर मॉनिटर ने मंगलवार, 29 जुलाई को चेतावनी दी कि गाजा में अकाल "अब सामने आ रहा है", जिसमें हजारों बच्चे कुपोषित हैं और भूख की वजह से कम उम्र के बच्चों की मौतों की संख्या बढ़ रही हैं. इस ग्लोबल हंगर मॉनिटर का नाम द इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन इनिशिएटिव (IPC) है. इसने कहा कि गाजा में पैराशूट की मदद से खाने के कुछ सामानों को गिराना "मानवीय आपदा" को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं होगा.

दुनिया में कुपोषण का आकलन करने के लिए मॉनिटर के रूप में उपयोग किए जाने वाले संयुक्त राष्ट्र समर्थित संगठनों के इस समूह ने कहा, "अब गाजा पट्टी में अकाल की सबसे खराब स्थिति सामने आ रही है." इसमें कहा गया है कि गाजा में "तत्काल और बिना किसी बाधा" के मानवीय पहुंच ही तेजी से बढ़ती "भुखमरी और मौत" को रोकने का एकमात्र तरीका है. 

काम की बात: IPC संयुक्त राष्ट्र समर्थित संगठनों और संस्थानों का समूह है जो अकाल के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत परिभाषा जारी करता है जिसका उपयोग देशों में तीव्र कुपोषण के स्तर को मापने के लिए किया जाता है.

IPC ने गाजा में भूख से संबंधित मौतों पर सहायता समूहों द्वारा कई दिनों तक चेतावनी जारी करने के बाद अपनी चेतावनी "अलर्ट" जारी की.

गाजा में भूखमरी के यह आंकड़ें डराते हैं

युद्धविराम वार्ता टूटने के बाद इजराइल ने 2 मार्च को गाजा पर पूर्ण नाकाबंदी लगा दी थी. मई के अंत में, भुखमरी की चेतावनी के बीच, सहायता की एक छोटी सी सप्लाई को फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई. IPC ने कहा है कि उसके नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि "गाजा पट्टी के अधिकांश हिस्सों" में "अकाल की सीमा" पार हो गई है. 

इसमें कहा गया है कि छोटे बच्चों की भूख से संबंधित मौतें बढ़ रही हैं. IPC ने बताया कि "अप्रैल और मध्य जुलाई के बीच 20,000 से अधिक बच्चों को गंभीर कुपोषण के इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, जिनमें से 3,000 से अधिक गंभीर रूप से कुपोषित हैं." 

IPC ने कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे भूख से मर रहे हैं, "17 जुलाई से कम से कम 16 मौतों की सूचना मिली है". मंगलवार को IPC ने कहा, "बढ़ते सबूतों से पता चलता है कि व्यापक भुखमरी, कुपोषण और बीमारी के कारण भूख से संबंधित मौतों में वृद्धि हो रही है."

अब नहीं संभले तो…

इससे पहले मई में, IPC ने कहा था कि गाजा में "अकाल का खतरा" है. इस समूह ने अब चेतावनी दी कि मौतों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए "बिना किसी बाधा के जीवनरक्षक मानवीय पहुंच" ही एकमात्र तरीका है. इसमें कहा गया है, "अभी कार्रवाई करने में अगर विफल हो गए तो गाजा पट्टी के अधिकांश हिस्सों में बड़े पैमाने पर मौतें होंगी."

गौरतलब है कि बीते सप्ताह के आखिर में इजरायल ने गाजा के कुछ हिस्सों में सेना के ऑपरेशन में "सामरिक विराम" की घोषणा की, जिसमें कहा गया कि 120 ट्रक से अधिक भोजन की अनुमति दी गई थी. इसके अलावा कुछ देशों - जैसे कि जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात - ने क्षेत्र में पैराशूट की मदद से भोजन गिराया. 

हालांकि IPC ने चेतावनी दी है कि हवा से बरसते यह खाने "मानवीय आपदा को खत्म" करने के लिए अपर्याप्त होंगी. सड़क मार्ग से भोजन पहुंचाना "अधिक प्रभावी, सुरक्षित और तेज" है. इसमें यह भी लिखा गया है कि गंभीर कुपोषण से पीड़ित सबसे कमजोर लोगों - जिनमें बच्चे भी शामिल हैं - को ठीक होने के लिए "लगातार जीवन रक्षक उपचार तक पहुंच की आवश्यकता है".

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