काहिरा:
मिस्र में शनिवार को संविधान के मसौदे पर जनमत-संग्रह कराया जा रहा है। इसे लेकर उदारवादियों व कट्टरवादियों में मतभेद है। मतदान की प्रक्रिया सुबह आठ बजे शुरू हुई, जो शाम सात बजे तक जारी रहेगी।
मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी द्वारा बुधवार को जारी आदेश के मुताबिक जनमत-संग्रह दो चरणों में होगा। पहले चरण में काहिरा, एलेक्जेंद्रिया, डाकाहल्या, घारबेया, शारकीया, एसियुत, सोहाग, अस्वान, साउदर्न एंड नॉर्दर्न सिनाई में और एक सप्ताह बाद द्वितीय चरण में शेष देश में मतदान होगा।
मिस्र के मुख्य विपक्षी दल नेशनल साल्वेशन फ्रंट ने बुधवार को घोषणा की कि वे जनमत-संग्रह में हिस्सा लेंगे, लेकिन उन्होंने संविधान के प्रारूप को नकारा है। बीते नवंबर में 85-सदस्यीय संविधान सभा ने संविधान के मसौदे को मंजूरी दे दी थी, तब मुर्सी ने मिस्रवासियों से जनमत-संग्रह में वोट देने के लिए कहा था।
नए संविधान के विवादित मसौदे पर होने वाले निर्णायक जनमत संग्रह से पहले लोगों को अपने पक्ष में करने के लिए इस्लामी समर्थन प्राप्त राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी और धर्मनिरपेक्ष विपक्ष ने शुक्रवार को रैलियां निकालीं और दोनों पक्षों में कई जगहों पर झड़पें भी हुई थीं।
मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी द्वारा बुधवार को जारी आदेश के मुताबिक जनमत-संग्रह दो चरणों में होगा। पहले चरण में काहिरा, एलेक्जेंद्रिया, डाकाहल्या, घारबेया, शारकीया, एसियुत, सोहाग, अस्वान, साउदर्न एंड नॉर्दर्न सिनाई में और एक सप्ताह बाद द्वितीय चरण में शेष देश में मतदान होगा।
मिस्र के मुख्य विपक्षी दल नेशनल साल्वेशन फ्रंट ने बुधवार को घोषणा की कि वे जनमत-संग्रह में हिस्सा लेंगे, लेकिन उन्होंने संविधान के प्रारूप को नकारा है। बीते नवंबर में 85-सदस्यीय संविधान सभा ने संविधान के मसौदे को मंजूरी दे दी थी, तब मुर्सी ने मिस्रवासियों से जनमत-संग्रह में वोट देने के लिए कहा था।
नए संविधान के विवादित मसौदे पर होने वाले निर्णायक जनमत संग्रह से पहले लोगों को अपने पक्ष में करने के लिए इस्लामी समर्थन प्राप्त राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी और धर्मनिरपेक्ष विपक्ष ने शुक्रवार को रैलियां निकालीं और दोनों पक्षों में कई जगहों पर झड़पें भी हुई थीं।
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