प्रतीकात्मक तस्वीर
बीजिंग:
पूर्वी चीन में हार्ट ट्रांसप्लांट के एक अनोखे मामले में डोनर के शरीर से दिल निकालने के बाद उसके सात घंटे तक ना धड़कने के बाद भी एक सफल प्रतिरोपण किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक आमतौर पर छह घंटे तक दिल के ना धड़कने के बाद उसे दोबारा पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता।
पूर्वी चीन के फुजियान प्रांत की राजधानी फूझाउ की 24 साल के गुआन को दिल के आसपास रक्त का थक्का बनने की बिगड़ती स्थिति के कारण हृदय प्रतिरोपण करवाने की जरूरत थी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, हार्ट ट्रांसप्लांट हुआंग ने बताया 'डोनर के दिल ने 10 मिनट बाद ही धड़कना बंद कर दिया था पर हम उसे और दो मिनट धड़काने में कामयाब रहे... । इसके तुरंत बाद ही हम फुझाउ रवाना हो गए और हमने आधी रात को ही हृदय प्रतिरोपण शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन रात दो बजे पूरा हो गया था पहले तो दिल धड़का नहीं, लेकिन सात घंटे बाद सुबह चार बजे दिल ने गुआन के शरीर में एकबार फिर धड़कना शुरू कर दिया।
हुआंग ने कहा कि यह अपने आप में एक अनोखा मामला है कि लंबी दूरी से दिल लाने के कारण उसने पहले ही धड़कना बंद कर दिया था। लेकिन प्रतिरोपण इसलिए सफल रहा क्योंकि दिल देने वाला व्यक्ति काफी जवान था और उसका दिल भी काफी मजबूत था। चीन में लगभग तीस लाख हृदय के मरीज हैं, लेकिन दाताओं की कमी के कारण हर साल केवल 250 मरीजों का ही ऑपरेशन हो पाता है।
पूर्वी चीन के फुजियान प्रांत की राजधानी फूझाउ की 24 साल के गुआन को दिल के आसपास रक्त का थक्का बनने की बिगड़ती स्थिति के कारण हृदय प्रतिरोपण करवाने की जरूरत थी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, हार्ट ट्रांसप्लांट हुआंग ने बताया 'डोनर के दिल ने 10 मिनट बाद ही धड़कना बंद कर दिया था पर हम उसे और दो मिनट धड़काने में कामयाब रहे... । इसके तुरंत बाद ही हम फुझाउ रवाना हो गए और हमने आधी रात को ही हृदय प्रतिरोपण शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन रात दो बजे पूरा हो गया था पहले तो दिल धड़का नहीं, लेकिन सात घंटे बाद सुबह चार बजे दिल ने गुआन के शरीर में एकबार फिर धड़कना शुरू कर दिया।
हुआंग ने कहा कि यह अपने आप में एक अनोखा मामला है कि लंबी दूरी से दिल लाने के कारण उसने पहले ही धड़कना बंद कर दिया था। लेकिन प्रतिरोपण इसलिए सफल रहा क्योंकि दिल देने वाला व्यक्ति काफी जवान था और उसका दिल भी काफी मजबूत था। चीन में लगभग तीस लाख हृदय के मरीज हैं, लेकिन दाताओं की कमी के कारण हर साल केवल 250 मरीजों का ही ऑपरेशन हो पाता है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं