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ट्रंप-जेलेंस्की के बीच फोन पर क्या हुई बातचीत, शांति समझौते के बहाने बिजनेस पर अमेरिका की नजर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके यूक्रेनी समकक्ष वलोडिमिर जेलेंस्की ने व्हाइट हाउस में सबसे सामने हुई तीखी नोकझोंक के कुछ सप्ताह बाद एक घंटे तक बातचीत की.

ट्रंप-जेलेंस्की के बीच फोन पर क्या हुई बातचीत, शांति समझौते के बहाने बिजनेस पर अमेरिका की नजर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यू्क्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की
नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके यूक्रेनी समकक्ष वलोडिमिर जेलेंस्की ने व्हाइट हाउस में सबसे सामने हुई तीखी नोकझोंक के कुछ सप्ताह बाद एक घंटे तक बातचीत की. मीडिया के सामने जब बहस हुई थी तो इस बात कि उम्मीदें धूमिल हो गई थी कि रूस और यूक्रेन के बीच अमेरिका शांति की डील में ब्रोकर की भूमिका निभा पाएगा. हालांकि अब ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जेलेंस्की, दोनों से बातचीत करके फिर से उम्मीद जगाई है.

बुधवार, 19 मार्च को ट्रंप और जेलेंस्की के बीच कॉल पर बातचीत हुई. इसे दोनों नेताओं ने "बहुत अच्छा" और "सकारात्मक" बताया गया है. कॉल के बाद जेलेंस्की ने कहा कि "अमेरिका के साथ, राष्ट्रपति ट्रंप के साथ और अमेरिकी नेतृत्व में" स्थायी शांति हासिल की जा सकती है.

उन्होंने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में पहला कदम ऊर्जा और अन्य नागरिक बुनियादी ढांचे पर हमले को रोकना है. उन्होंने अधिक वायु रक्षा हथियारों के लिए अनुरोध करते हुए अमेरिका को उसके सैन्य समर्थन, विशेष रूप से जेवलिन मिसाइलों के लिए धन्यवाद दिया.

शांति के बहाने बिजनेस देख रहे ट्रंप?

वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने रूस की तरफ से हमलों से बचने के लिए यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से रूस के कब्जे वाले जापोरीजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट को अमेरिका के स्वामित्व में देने का भी सुझाव दिया.

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, "उस देश के साथ आर्थिक संबंध रखना शायद कुछ हद तक फायदेमंद है जिसका खुद की रक्षा करने और अपने दोस्तों की रक्षा करने में सक्षम होने का इतिहास रहा है."

वहीं अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और विदेश मंत्री (सेक्रेटरी ऑफ स्टेस) मार्को रुबियो के एक बयान में कहा गया है कि इन प्लांट पर अमेरिकी स्वामित्व "सर्वोत्तम सुरक्षा" होगा.

फोन पर हुई इस बातचीत में अमेरिका-यूक्रेन खनिज सौदे पर भी चर्चा की गई. हालांकि व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिका खनिज सौदे से "परे" है और शांति वार्ता पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है.

ट्रंप ने जेलेंस्की से "उन बच्चों के बारे में भी पूछा जो युद्ध के दौरान यूक्रेन से लापता हो गए थे. इनमें वे बच्चे भी शामिल थे जिनका अपहरण कर लिया गया था", साथ ही उन बच्चों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए दोनों पक्षों के साथ काम करने की कसम खाई. ट्रंप ने जेलेंस्की को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी कॉल के बारे में बताया. दोनों "उच्चतम स्तर" पर संपर्क में रहने पर सहमत हुए.

अपने खुद के सोशल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर एक पोस्ट डालकर ट्रंप ने कॉल को "बहुत अच्छा" बताया. जेलेंस्की ने कहा कि फोन कॉल "सकारात्मक", "स्पष्ट" और "बहुत ठोस" थी. यह भी कहा कि उन्होंने ट्रंप से बात करते हुए कोई दबाव महसूस नहीं किया.

जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन और संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकारी आने वाले दिनों में शांति वार्ता के दूसरे दौर के लिए सऊदी अरब में मिल सकते हैं और आंशिक युद्धविराम लागू करने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.

गौरतलब है कि ट्रंप और पुतिन ने चल रहे संघर्ष पर चर्चा करने के लिए सीधी बातचीत की है. मंगलवार को दोनों के बीच 90 मिनट की कॉल थी. ट्रंप और पुतिन के बीच लेटेस्ट बातचीत के दौरान, पुतिन ने तत्काल और पूर्ण युद्धविराम को खारिज कर दिया. लेकिन 30 दिनों के लिए यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमलों को रोकने पर सहमति व्यक्त की. हालांकि ग्राउंड पर सच्चाई अभी भी इससे जुदा है. हमले रात भर जारी रहे. जेलेंस्की ने रूस पर ऊर्जा सुविधाओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है.

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