डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की कोशिश में एक बड़ी सफलता मिली है. डोनाल्ड ट्रंप ने न्यू हैम्पशायर में प्राथमिकी चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की है. आयोवा कॉकस के बाद न्यू हैम्पशायर प्राइमरी में जीत हासिल करते हुए ट्रंप ने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के लिए अबतक का सबसे मजबूत दावा पेश किया है. बता दें कि ट्रंप रिपब्लिकन के एकमात्र ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्होंने न्यू हैम्पशायर प्राइमरी में तीन बार जीत हासिल की है.
न्यू हैम्पशायर में ट्रंप की टक्कर भारतीय मूल की निक्की हेली से थी और उन्होंने निक्की हेली को भारी मतों से हरा दिया. एडिसन रिसर्च के मुताबिक ट्रंप ने न्यू हैम्पशायर में 52.3 फीसदी मत हासिल किए जब्कि निक्की को 46.6 फीसदी वोट ही प्राप्त हुए. वहीं दूसरी ओर बाइडन ने भी न्यू हैम्पशायर में डेमोक्रेटिक प्राइमरी में राइट इन उम्मीदवार के तौर पर अपनी जीत हासिल की. राइट इन उम्मीदवार का मतलब है कि उनका नाम मतपत्र में नहीं आया और न ही उन्होंने प्राइमरी चुनाव के लिए किसी तरह का प्रचार किया.
ट्रंप की न्यू हैम्पशायर में जीत के बाद ऐसी चर्चा जोरों पर है कि एक बार फिर राष्ट्रपति पद के लिए उनके और बाइडेन के बीच टक्कर हो सकती है.
क्यों सफल रहे ट्रंप?
ट्रंप की इस सफलता के पीछे कई कारण शामिल हैं. उन्होंने खुद पर लगे सभी आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया था. इसके अलावा बाइडेन की सरकार आने के बाद अमेरिका में कई बदलाव आए. अमेरिका कई फ्रंट पर युद्ध का सामना कर रहा है और अमेरिकी मानते हैं कि युद्ध कई तरह से उनके जीवन को प्रभावित कर रहा है. साथ ही बढ़ती महंगाई और वेतन में किसी तरह की बढ़ोतरी ना होना भी कहीं न कहीं ट्रंप की जीत का कारण बना है.
विवादों से ट्रंप का नाता
डोनाल्ड ट्रंप कई कारणों की वजह से विवादों का भी हिस्सा रहे हैं. उन पर कई आरोप और मामले है. इसमें 2020 में हुए चुनाव के नतीजों को पलटने की कोशिश, कैपिटल हिल हिंसा में लोगों को भड़काना, एडल्ट स्टार को चुप रहने के लिए पैसे देने और न्यूयॉर्क में धोखाधड़ी का मामला दर्ज है.
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