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This Article is From May 24, 2012

पाक अदालतों के सामने नहीं आए मुम्बई हमलों के असल आरोपी : भारत

पाक अदालतों के सामने नहीं आए मुम्बई हमलों के असल आरोपी : भारत
इस्लामाबाद: मुम्बई हमलों के षड्यंत्रकारियों के खिलाफ मुकदमे की धीमी गति पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत ने गुरुवार को कहा कि बहुत से ‘‘असल आरोपी’’ व्यक्तियों को पाकिस्तानी अदालतों के समक्ष तक नहीं लाया जा सका है।

गृह सचिव आरके सिंह ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ वार्ता के लिए जाने से पहले मीडिया से संक्षिप्त वार्तालाप में कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि उनके :मुम्बई हमलों के आरोपियों: खिलाफ न्यायिक कार्यवाही की गति काफी धीमी है। बहुत से लोग, जो असल आरोपी हैं, अदालतों के समक्ष तक नहीं लाए जा सके हैं।’’ भारत और पाकिस्तान के गृह सचिवों के बीच दो दिन तक चलने वाली वार्ता में वीजा नियमों को सरल बनाने और लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए मुम्बई हमलों के आरोपियों के मुकदमे पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है।

भारतीय अधिकारियों ने लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी अमेरिकी कार्यकर्ता डेविड कोलमैन हेडली द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के आधार पर पाकिस्तानी सेना के कई सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों का संबंध मुम्बई हमलों से जोड़ा था। हालांकि, पाकिस्तान इन आरोपों को खारिज कर चुका है।

पाकिस्तान ने पहले से ही अपनी हिरासत में बंद संदिग्धों की आवाज के नमूने देने के भारत के आग्रह का सकारात्मक जवाब नहीं दिया है। गृह सचिव आरके सिंह के नेतृत्व में भारतीय दल और पाकिस्तान के गृह सचिव ख्वाजा सिद्दीक अकबर के नेतृत्व में पाकिस्तानी दल के अधिकारी इस्लामाबाद के एक होटल में एकत्रित हुए।

दोनों देशों के गृह सचिवों के बीच पिछले दौर की वार्ता गत वर्ष मार्च में नयी दिल्ली में हुई थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख एस सी सिन्हा और 2008 के मुम्बई हमले की जांच कर रहे अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों को शामिल किया जाना भारत के इरादों का स्पष्ट संकेत है कि मुम्बई की व्यावसायिक राजधानी पर हमले के षड्यंत्रकारियों पर मुकदमे को आगे ले जाया जाए। मुम्बई हमलों में लश्कर ए तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी सहित सात पाकिस्तानी नागरिकों पर हमलों की योजना बनाने, वित्तीय मदद करने और अंजाम देने का आरोप लगाया गया है।

हालांकि, रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधी अदालत में विभिन्न तकनीकी कारणों से उन पर चल रहा मुकदमा एक साल से अधिक समय से स्थगित पड़ा है। साक्ष्य जुटाने और भारतीय अधिकारियों के बयान दर्ज करने के उद्देश्य से मार्च में पाकिस्तानी न्यायिक दल के भारत दौरे के बावजूद हाल के हफ्तों में मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है।

भारत द्वारा लश्कर ए तैयबा के संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद के खिलाफ कार्रवाई की मांग नए सिरे से किए जाने की उम्मीद है जिसके खिलाफ अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर के इनाम की घोषणा की है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्य सईद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पर्याप्त नहीं हैं जिसने हाल के महीनों में अमेरिका और भारत के खिलाफ कई बड़ी रैलियां की हैं।

वार्ता से पहले भारतीय अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों ने नए आसान वीजा नियमों को अंतिम रूप दे दिया है जिनमें पहली बार पर्यटक वीजा, वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों को आगमन पर वीजा तथा व्यवसायियों के लिए एक साल तक का बहु प्रवेश वीजा शामिल हैं।

दोनों गृह सचिवों के कल वार्ता के समापन पर एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है। हालांकि, पाकिस्तानी मीडिया में आई कुछ खबरों में दावा किया गया है कि वीजा समझौते पर दस्तखत होने की संभावना नहीं है क्योंकि पाकिस्तानी मंत्रिमंडल ने कल अपनी बैठक में इसे मंजूरी नहीं दी।

खबरों में कहा गया कि गृहमंत्री रहमान मलिक ने समझौते को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष नहीं रखा। गृह मंत्रालय के एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से नेशन अखबार ने कहा कि अधिकारियों ने गृह सचिवों की अगली बैठक तक नए वीजा समझौते पर हस्ताक्षर में विलम्ब करने का फैसला किया है। दोनों देश एक साल से अधिक समय से नए वीजा समझौते के मसौदे पर काम कर रहे हैं।

भारत आतंकवाद, मादक पदाथरें की तस्करी, भारत से भागकर पाकिस्तान में छिपे दाउद इब्राहीम और इंडियन मुजाहिदीन आतंकियों जैसे भगोड़ों, भारत में नकली मुद्रा चलाने वाले नेटवर्क और दोनों देशों की जेलों में बंद कैदियों की रिहाई जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा करेगा।

आठ अप्रैल को पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान से आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए ठोस कार्रवाई करने को कहा था, ताकि भारत द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में आगे बढ़ सके। मनमोहन ने मुम्बई हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में भी लाने को कहा था।

पाकिस्तान की ओर से समझौता एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कहे जाने की उम्मीद है जिसमें 42 पाकिस्तानियों सहित करीब 70 लोग मारे गए थे।

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