फाइल फोटो
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और उनके दो बेटों के खिलाफ लंबित भ्रष्टाचार के मामले दूसरी अदालत में स्थानातंरित करने की मांग से जुड़ी याचिका को मंजूरी दे दी. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की एक खंड पीठ ने संक्षिप्त आदेश जारी किया जिसे उन्होंने पहले सुरक्षित रखा था. खंडपीठ में दो न्यायाधीश -न्यायमूर्ति आमिरफ फारूक और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन थे.
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सुनवाई के दौरान शरीफ के वकील ख्वाजा हारिस ने दलील थी कि शरीफ परिवार के लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा दायर किए गए सभी मामलों में संयुक्त जांच दल के प्रमुख वाजिद जिया गवाह हैं, जबकि जवाबदेही अदालत के पीठासीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुहम्मद बशीर पहले ही सभी तीन संदर्भों में महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपनी रूख बयां कर चुके हैं.
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उन्होंने अदालत से मामले ऐसे न्यायाधीश की अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया जो एक नये परिप्रेक्ष्य के साथ तथ्यों और कानून के प्रस्तावों को देख सके.
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उन्होंने अदालत से मामले ऐसे न्यायाधीश की अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया जो एक नये परिप्रेक्ष्य के साथ तथ्यों और कानून के प्रस्तावों को देख सके.
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