माले:
भारतीय उच्चायोग में शरण लिए मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और मालदीव की सरकार के बीच गतिरोध बना हुआ है। भारतीय विदेश मंत्रालय के दल और मालदीव के प्रमुख मंत्रियों के बीच हुई बातचीत के बावजूद स्थिति के समाधान का कोई संकेत नहीं है।
अधिकारियों का कहना है, ‘‘कोई नई प्रगति नहीं हुई है। बातचीत अब भी चल रही है। फिलहाल स्थिति के समाधान का कोई संकेत नहीं मिला है।’’ अब तक की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के प्रवक्ता मसूद इमाम ने कहा, ‘‘यह गतिरोध है। किसी को रास्ता देना होगा। भारत सरकार जानती है कि हमारे यहां महाभियोजक स्वतंत्र हैं और सरकार दखल नहीं दे सकती।’’
इमाम के अनुसार यहां विभिन्न पक्षों से मुलाकात के बाद भारतीय अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा स्थितियों से द्विपक्षीय संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने देना चाहिए।
भारतीय अधिकारियों के दल ने मालदीव के विदेशमंत्री अब्दुल समद अब्दुल्ला, रक्षा मंत्री मोहम्मद नाजिम, वकीलों तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोगों से बातचीत की है।
इन्होंने नशीद और राष्ट्रपति पद के मजबूत दावेदार माने जा रहे अब्दुल्ला यामीन से भी विस्तृत बातचीत की है।
अधिकारियों का कहना है, ‘‘कोई नई प्रगति नहीं हुई है। बातचीत अब भी चल रही है। फिलहाल स्थिति के समाधान का कोई संकेत नहीं मिला है।’’ अब तक की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के प्रवक्ता मसूद इमाम ने कहा, ‘‘यह गतिरोध है। किसी को रास्ता देना होगा। भारत सरकार जानती है कि हमारे यहां महाभियोजक स्वतंत्र हैं और सरकार दखल नहीं दे सकती।’’
इमाम के अनुसार यहां विभिन्न पक्षों से मुलाकात के बाद भारतीय अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा स्थितियों से द्विपक्षीय संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने देना चाहिए।
भारतीय अधिकारियों के दल ने मालदीव के विदेशमंत्री अब्दुल समद अब्दुल्ला, रक्षा मंत्री मोहम्मद नाजिम, वकीलों तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोगों से बातचीत की है।
इन्होंने नशीद और राष्ट्रपति पद के मजबूत दावेदार माने जा रहे अब्दुल्ला यामीन से भी विस्तृत बातचीत की है।
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