अमेरिका के 11 सांसदों के एक समूह ने राष्ट्रपति बराक ओबामा को पत्र लिखकर कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्हाइट हाउस में मुलाकात के दौरान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाया जाए।
सांसदों ने ओबामा को लिखे पत्र में कहा, 'अगले सप्ताह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आपकी मुलाकात भारत में धार्मिक समावेश और धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण पर बातचीत का अवसर देती है।'
27 सितंबर की तारीख वाला पत्र 'कोलिशन अगेंस्ट जीनोसाइड' ने प्रेस को जारी किया। कीथ एलिसन और जोसफ पिट्स समेत अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने पत्र में लिखा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि इस हफ्ते और भविष्य में आपकी मुलाकात में सहिष्णुता का विषय चर्चा के लिए आएगा।' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी कट्टरपंथियों की आलोचना करके और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर होने वाली हिंसा के बारे में देश में चर्चा की शुरुआत करके सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं।'
इस पत्र में बैटी मैककोलम, जिम सेंसेनब्रेनर, जेरेड पोलिस, ट्रेंट फेंक्स, जेम्स मैकगवर्न, रश हॉल्ट, जॉन कान्यर्स, बार्बरा ली और राउल एम ग्रिजाल्वा के दस्तखत हैं।
पत्र में ओबामा का ध्यान आकर्षित करते हुए लिखा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के शुरुआती 100 दिनों में मुस्लिमों और ईसाइयों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है और इस तरह की हिंसा में गुजरात में 2002 के दंगों की गूंज सुनाई देती है।
संगठन ने कांग्रेस के सदस्यों माइक होंडा द्वारा विदेश मंत्री जॉन कैरी को 14 मई को लिखे एक और पत्र को भी जारी किया है जिसमें उनसे अमेरिका-भारत रणनीतिक वार्ता में मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता को शामिल करने का समर्थन करने का अनुरोध किया गया है।
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