चीनी नागरिक जेन झू की मौत के बाद की तस्वीर
नई दिल्ली:
पिछले दिनों पाकिस्तान के कराची में एक चीनी नागरिक की हत्या ने न सिर्फ पाकिस्तान में विदेशी नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिये हैं, बल्कि पाकिस्तान और चीन के रिश्ते की मिठास में भी इस घटना ने काफी फीकापन ला दिया है. हालांकि, हत्या के बाद पाकिस्तान में चीनी नागरिकों के डर के माहौल के बीच चीन ने पाकिस्तान से उसके नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है.
पिछले दिनों पाकिस्तान के कराची में ज़मज़मा पार्क के नजदीक क्लिफटन में कार सवार 46 वर्षीय चेन झू को एक बंदूकधारी ने गोली मार दी थी. उनके साथ कार में सफर कर रहा अन्य चीनी नागरिक भी जख्मी हो गया था. अस्पताल में चेन की मौत हो गई थी. बता दें कि बंदूकधारी ने 1994 से पाकिस्तान में चल रही शंघाई बेस्ड कॉस्को शिप्पिंग लाइन्स कंपनी में कार्यरत 46 वर्षीय चीनी मैनेजिंग डायरेक्टर चेन पर कम से कम 9 बार गोली चलाई थी. गोलीबारी में चेन के सिर में गोली लगी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था. पुलिस ने इस मामले की वजह बिना बताए इसे काउंटर टेररिज्म यूनिट को भेज दिया था.
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पाकिस्तान में चीनी नागिरकी की गोलीमार कर हत्या चीन के लिए चिंता की बात है. चीन की बढ़ती चिंता इस बात को लेकर भी है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रमुख बेल्ट और रोड ट्रेड रूट के हिस्से के रूप में चीन दक्षिण एशियाई पड़ोस में 50 बिलियन डॉलर से अधिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रहा है. बता दें कि पाकिस्तान में हजारों डॉलर्स की लागत से चीनी प्रॉजेक्ट्स पर काम हो रहा हैं और यहां काम करने वाले चीनी नागरिक भी रहते हैं. यही वजह है कि यह घटना इस क्षेत्र में काम कर रहे हजारों चीनी सैनिकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है. मगर इस घटना के बाद पाकिस्तान में 50 बिलियन डॉलर से अधिक चीनी प्रोजेक्ट पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं.
ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार, पूर्व सेना अधिकारी और पाकिस्तान की सबसे बड़ी सिक्यॉरिटी कंपनी पाथफाइंडर ग्रुप के चेयरमैन और इकराम सहगल ने कहा, 'जहां तक चीनी नागरिकों का सवाल है, उन्हें जो खतरा महसूस हो रहा है, लगता नहीं कि वह कम होगा क्योंकि यह लगातार बढ़ते ही जा रहा है.' आगे उन्होंने कहा कि यह निशाना पहले से ही टारगेटे था और इससे पाकिस्तान आने वाले चीनी बिजनेसमैन के विश्वास को झटका लगेगा.
चीनी सरकार द्वारा ब्लूमबर्ग को उपलब्ध कराए गये आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो, पिछले साल अगस्त में कम से कम 20,000 चीनी नागरिक पाकिस्तान में काम के सिलसिले में आए हैं, जो 2015 के आंकड़ों के मुकाबले दोगुना है. सुरक्षाबलों चीनी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने में संघर्ष कर रहे हैं. विशेष रुप से कराची में मारे गये चेन झू जैसे लोगों के लिए जो चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में काम करते हैं, जिसकी घोषणा तीन साल पर शी जिनपिंग ने की थी. बता दें कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में काम करने वाले चीनी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पाकिस्तानी सेना ने 15 हजार सैनिकों की एक अलग फोर्स तैयार की है.
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बीजिंग में चीन के पूर्व कूटनीतिज्ञ और रेनमीन यूनिवर्सिटी के इंस्टीच्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के डायरेक्टर वांग ईवाय ने कहा, 'वन बेल्ट वन रोड प्रॉजेक्ट जिन देशों के होकर गुजरेगा, उनमें से कई देश राजनीतिक तौर पर अस्थिर हैं और वहां कई तरह के खतरे हैं. पाकिस्तान उन्हीं में से एक है. चीनी इंटरप्राइजेज को और भी सख्त वैसी सिक्योरिटी कंपनी की जरूरत है, जो चीनी नागरिकों के साथ-साथ प्रोजेक्ट की भी रक्षा कर सके.
VIDEO: पाकिस्तान में लापता हुए मौलवी स्वदेश लौटे
पिछले दिनों पाकिस्तान के कराची में ज़मज़मा पार्क के नजदीक क्लिफटन में कार सवार 46 वर्षीय चेन झू को एक बंदूकधारी ने गोली मार दी थी. उनके साथ कार में सफर कर रहा अन्य चीनी नागरिक भी जख्मी हो गया था. अस्पताल में चेन की मौत हो गई थी. बता दें कि बंदूकधारी ने 1994 से पाकिस्तान में चल रही शंघाई बेस्ड कॉस्को शिप्पिंग लाइन्स कंपनी में कार्यरत 46 वर्षीय चीनी मैनेजिंग डायरेक्टर चेन पर कम से कम 9 बार गोली चलाई थी. गोलीबारी में चेन के सिर में गोली लगी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था. पुलिस ने इस मामले की वजह बिना बताए इसे काउंटर टेररिज्म यूनिट को भेज दिया था.
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पाकिस्तान में चीनी नागिरकी की गोलीमार कर हत्या चीन के लिए चिंता की बात है. चीन की बढ़ती चिंता इस बात को लेकर भी है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रमुख बेल्ट और रोड ट्रेड रूट के हिस्से के रूप में चीन दक्षिण एशियाई पड़ोस में 50 बिलियन डॉलर से अधिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रहा है. बता दें कि पाकिस्तान में हजारों डॉलर्स की लागत से चीनी प्रॉजेक्ट्स पर काम हो रहा हैं और यहां काम करने वाले चीनी नागरिक भी रहते हैं. यही वजह है कि यह घटना इस क्षेत्र में काम कर रहे हजारों चीनी सैनिकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है. मगर इस घटना के बाद पाकिस्तान में 50 बिलियन डॉलर से अधिक चीनी प्रोजेक्ट पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं.
ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार, पूर्व सेना अधिकारी और पाकिस्तान की सबसे बड़ी सिक्यॉरिटी कंपनी पाथफाइंडर ग्रुप के चेयरमैन और इकराम सहगल ने कहा, 'जहां तक चीनी नागरिकों का सवाल है, उन्हें जो खतरा महसूस हो रहा है, लगता नहीं कि वह कम होगा क्योंकि यह लगातार बढ़ते ही जा रहा है.' आगे उन्होंने कहा कि यह निशाना पहले से ही टारगेटे था और इससे पाकिस्तान आने वाले चीनी बिजनेसमैन के विश्वास को झटका लगेगा.
चीनी सरकार द्वारा ब्लूमबर्ग को उपलब्ध कराए गये आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो, पिछले साल अगस्त में कम से कम 20,000 चीनी नागरिक पाकिस्तान में काम के सिलसिले में आए हैं, जो 2015 के आंकड़ों के मुकाबले दोगुना है. सुरक्षाबलों चीनी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने में संघर्ष कर रहे हैं. विशेष रुप से कराची में मारे गये चेन झू जैसे लोगों के लिए जो चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में काम करते हैं, जिसकी घोषणा तीन साल पर शी जिनपिंग ने की थी. बता दें कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में काम करने वाले चीनी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पाकिस्तानी सेना ने 15 हजार सैनिकों की एक अलग फोर्स तैयार की है.
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बीजिंग में चीन के पूर्व कूटनीतिज्ञ और रेनमीन यूनिवर्सिटी के इंस्टीच्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के डायरेक्टर वांग ईवाय ने कहा, 'वन बेल्ट वन रोड प्रॉजेक्ट जिन देशों के होकर गुजरेगा, उनमें से कई देश राजनीतिक तौर पर अस्थिर हैं और वहां कई तरह के खतरे हैं. पाकिस्तान उन्हीं में से एक है. चीनी इंटरप्राइजेज को और भी सख्त वैसी सिक्योरिटी कंपनी की जरूरत है, जो चीनी नागरिकों के साथ-साथ प्रोजेक्ट की भी रक्षा कर सके.
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