मसूद अजहर का फाइल फोटो
बीजिंग:
पाकिस्तान आधारित जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध लगाने के भारत के कदम को बाधित करने के कुछ दिन बाद चीन ने विदेशी आतंकवादियों की सीमा पार की हरकतों पर एक मजबूत वैश्विक प्रतिक्रिया की बुधवार को अपील की.
सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि न्यूयॉर्क में आतंकवाद रोधी एक बैठक में बोलते हुए चीन के उप स्थानीय प्रतिनिधि वु हैताओ ने कहा कि विदेशी आतंकी लड़ाकों की अक्सर होने वाले आवाजाही ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता को कहीं अधिक नुकसान पहुंचाया है.
उन्होंने कहा,''संयुक्त राष्ट्र और संबद्ध अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को यथाशीघ्र आतंकवाद रोधी डेटाबेस बनाना चाहिए और खुफिया सूचना साझा करना चाहिए ताकि विदेशी आतंकी लड़ाकों की सीमा पार आवाजाही पर प्रभावी ढंग से रोक लगाई जा सके.'' पठानकोट आतंकी हमले में अजहर की संलिप्तता को लेकर उसे प्रतिबंधित करने की भारत की लंबित याचिका पर चीन की तकनीकी रोक के बाद विदेशी लड़ाकों पर वु का यह बयान आया है.
चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने तकनीकी रोक के विस्तार की घोषणा करते हुए कहा कि चीन का हमेशा से यह कहना रहा है कि सूचीबद्ध विषय पर 1267 कमेटी को वस्तुनिष्ठता, निष्पक्षता और पेशेवरता के सिद्धांतों पर अडिग रहना चाहिए.
गौरतलब है कि वीटो शक्ति रखने वाले चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में छह महीने पहले अजहर पर प्रतिबंध लगाने के कदम पर तकनीकी रोक लगा दी थी. ऐसा करने वाला चीन एकमात्र देश है. उसके इस कदम की भारत ने आलोचना की थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि न्यूयॉर्क में आतंकवाद रोधी एक बैठक में बोलते हुए चीन के उप स्थानीय प्रतिनिधि वु हैताओ ने कहा कि विदेशी आतंकी लड़ाकों की अक्सर होने वाले आवाजाही ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता को कहीं अधिक नुकसान पहुंचाया है.
उन्होंने कहा,''संयुक्त राष्ट्र और संबद्ध अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को यथाशीघ्र आतंकवाद रोधी डेटाबेस बनाना चाहिए और खुफिया सूचना साझा करना चाहिए ताकि विदेशी आतंकी लड़ाकों की सीमा पार आवाजाही पर प्रभावी ढंग से रोक लगाई जा सके.'' पठानकोट आतंकी हमले में अजहर की संलिप्तता को लेकर उसे प्रतिबंधित करने की भारत की लंबित याचिका पर चीन की तकनीकी रोक के बाद विदेशी लड़ाकों पर वु का यह बयान आया है.
चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने तकनीकी रोक के विस्तार की घोषणा करते हुए कहा कि चीन का हमेशा से यह कहना रहा है कि सूचीबद्ध विषय पर 1267 कमेटी को वस्तुनिष्ठता, निष्पक्षता और पेशेवरता के सिद्धांतों पर अडिग रहना चाहिए.
गौरतलब है कि वीटो शक्ति रखने वाले चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में छह महीने पहले अजहर पर प्रतिबंध लगाने के कदम पर तकनीकी रोक लगा दी थी. ऐसा करने वाला चीन एकमात्र देश है. उसके इस कदम की भारत ने आलोचना की थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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